पृथ्वी पर मृदा ने जीवन कैसे बदल दिया?

                 एडिनबर्ग, पृथ्वी के अस्तित्व में आने के पहले चार अरब वर्ष तक इसके महाद्वीप धूल भरे, बंजर और चट्टानी थे, ठीक मंगल ग्रह की सतह की तरह। लेकिन करीब 50 करोड़ साल पहले यह सब बदल गया।  भूमि पौधों ने ताजा पानी के अपने शैवाल युक्त पूर्वजों से पनपना शुरू किया और धीरे-धीरे पृथ्वी की चट्टानी सतह को ढक लिया। मूलत: महज कुछ सेंटीमीटर लंबे पहले भूमि पौधे तेजी से अधिक जटिल रूप में बढ़े। 38.5 करोड़ साल पहले व्यापक जंगलों ने पृथ्वी की सतह को ढक दिया।

                 पौधों की इस नयी विविधता को जमीन के नीचे होने वाली प्रक्रिया, जड़ों और मिट्टी के निर्माण से सहारा मिला। आज मिट्टी इतनी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है कि हम अक्सर उन्हें हल्के में लेते हैं या मान लेते हैं कि वह हमारे ग्रह का स्थायी हिस्सा है। लेकिन ऐसा है नहीं।

                 इन मृदा के निर्माण ने पृथ्वी पर जीवन में नाटकीय बदलाव किए हैं। मिट्टी ने क्षेत्रीय परिदृश्य, जल स्रोत, पोषण और खनिज चक्रण तथा यहां तक कि वातावरण की संरचना को भी बदल दिया।

                 सबसे पहली मृदा :  मृदा कैसे बनी, इसका सबसे पहले सबूत प्राचीन भूमि पौधों के जीवाश्म से मिलता है। स्कॉटलैंड के उत्तरपूर्व में रिनी कर्ट नामक चट्टान के निर्माण में असाधारण रूप से अच्छी तरह संरक्षित 40.7 लाख वर्ष पुराने पौधे का जीवाश्म है। इससे वैज्ञानिकों को यहां फलने-फूलने वाले जीवन की विविधता का अध्ययन करने का मौका मिला।

                 रिनी कर्ट में संरक्षित ज्यादातर पौधों में बड़ी जटिल जड़ें नहीं हैं जो पौधे के लिए जरूरी होती है। इसके बजाय उनकी जड़ों की प्रणाली में पतले तने थे जो रिजॉइड्स नामक बालों से ढके थे। इन बालों ने पौधों को ग्रह की चट्टानी सतह पर फैलने तथा पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद की।

                 पौधों की विविधता :  दो करोड़ साल पहले की बात छोड़ें तो पृथ्वी के महाद्वीप वनों से आच्छादित थे जिनमें एक मीटर गहरी मिट्टी थी। मिट्टी की गहराई में इस उल्लेखनीय वृद्धि ने पौधों की जड़ों की उत्पत्ति में मदद की। जड़ें नीचे की ओर फैलकर मिट्टी की गहरायी बढ़ाती हैं।

                 जमीन के लिए इस क्रांति ने जीवन में विविधता लाने के वास्ते पूरी तरह एक नया पारिस्थितिकी तंत्र पैदा किया।  मृदा भूविज्ञान, वातावरण और पानी तथा पोषण चक्रों के बीच एक अंतर संबंध है। गहरी मिट्टी के विकास ने पृथ्वी के इन हिस्सों के बीच संबंधों को बदल दिया और कई आश्चर्यजनक बदलाव पैदा किए।

                 मृदा पृथ्वी पर जीवन के एक बड़े हिस्से का आधार है। जल चक्र, पोषण चक्र में तथा कार्बन के भंडार के रूप में इसकी भूमिका आज तथा भविष्य में महत्वपूर्ण हैं।

                 मिट्टी में समय समय पर बदलाव भी होता रहा है। जल चक्र इसका ही एक हिस्सा है। कभी धीरे धीरे विकसित होती मिट्टी में पानी छोटी छोटी लेकिन कई धाराओं के रूप में था। बाद में मिट्टी ने रूप बदला और मैदानी इलाके बन गए जिनमें नदियां और उनके बहाव की दिशा बदलने से बनी झीलें तथा बारिश के पानी से बनी झीलें नजर आने लगीं।

                 अब मिट्टी ने भी जल संग्रह शुरू कर दिया। इसकी वजह से वनस्पतियों को अपना आयु काल बढ़ाने में मदद मिल गई।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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