पोप ने वयस्कों के यौन उत्पीड़न को अपराध की श्रेणी में शामिल करने के लिए कानून में बदलाव किया

वेटिकन सिटी, पोप फ्रांसिस ने चर्च के कानून में बदलाव कर दिया है जिससे अब पादरियों द्वारा वयस्कों के यौन उत्पीड़न को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया जा सकेगा।

नए प्रावधान 14 साल के अध्ययन के बाद मंगलवार को जारी किए गए।

सर्वाधिक महत्वपूर्ण बदलाव दो अनुच्छदों-1395 और 1398 से संबंधित हैं।

कानून में किए गए बदलावों में इस बात को माना गया है कि पादरी अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग कर वयस्कों का यौन शोषण भी कर सकते हैं, जिसके लिए उन्हें दंडित किया जाएगा।

बदलावों में कहा गया है कि गिरजाघरों में स्कूल प्रधानाचार्यों और इस तरह के पदों से जुड़े अन्य लोगों को बच्चों और वयस्कों के यौन उत्पीड़न के लिए भी दंडित किया जा सकेगा।

कानून में बिशप और अन्य ईसाई धर्मगुरुओं को प्राप्त उस विशेषाधिकार को भी समाप्त कर दिया गया है, जिसका दुरुपयोग कर वे यौन उत्पीड़न के मामलों की अनदेखी या उनपर पर्दा डालने की कोशिश करते थे। अब उन्हें आरोपी पादरियों के खिलाफ उचित जांच न करने या उनके खिलाफ अभियोग की मंजूरी न देने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

संशोधनों के बाद यदि कोई बिशप लापरवाही बरतता है या यौन अपराधों के बारे में चर्च अधिकारियों को सूचना नहीं देता है तो उसे उसके पद से हटाया जा सकेगा।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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