प्रतिस्पर्धा आयोग का व्हॉट्सएप की अद्यतित निजता नीति की जांच का निर्देश

नयी दिल्ली, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अपने जांच महानिदेशालय (डीजी) को लोकप्रिय मैसेजिंग मंच व्हाट्सएप की नयी निजता नीति की जांच करने का निर्देश दिया है। सीसीआई ने कहा है कि नीति को अपडेट (अद्यतन) करने के नाम पर व्हाट्सएप ने अपने ‘शोषक और विभेदकारी’ व्यवहार के जरिये प्रथम दृष्टया प्रतिस्पर्धा कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
विभिन्न हलकों से फेसबुक के स्वामित्व वाली व्हॉट्सएप की अद्यतित निजता नीति को लेकर चिंता जताई जा रही है। उसी के बाद अब प्रतिस्पर्धा आयोग ने इसकी जांच का आदेश दिया है।
व्हॉट्सएप के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस मुद्दे पर सीसीआई से संपर्क करेगी। प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी लोगों के व्यक्तिगत संदेशों के एंड-टू-एंड (प्रारंभ से अंत तक) इनक्रिप्शन के जरिये संरक्षित करने को प्रतिबद्ध है। साथ ही कंपनी इन नए वैकल्पिक फीचर्स के काम करने के तरीके बारे में पारदर्शिता बरतेगी।
नियामक ने कहा कि उपयोगकर्ताओं की विवशतापूर्ण सहमति के आधार पर उसके बारे में जानकारी दूसरों को देने के प्रभाव का पता लगाने को विस्तृत जांच जरूरी है।
सीसीआई ने जांच महानिदेशक को 60 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट मांगी है।
व्हाट्सएप एलएलसी और उसकी मूल कंपनी फेसबुक के खिलाफ यह आदेश आयोग ने इस मामले में मीडिया रपटों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिया है। सीसीआई ने नीति अपडेट के संभावित प्रभाव तथा व्हाट्सएप प्रयोगकताओं तथा बाजार के लिए शर्तों का पता लगाने को जांच का निर्देश दिया है।
सीसीआई ने कहा कि व्हाट्सएप ने अपनी निजता नीति प्रयोगकताओं के लिए सेवा शर्तों का अद्यतन किया है।
नियामक ने कहा कि प्रयोगकर्ताओं को अनिवार्य रूप से इन नयी शर्तों तथा नीति को पूरी तरह स्वीकार करना होगा। इनमें प्रयोगकर्ताओं की सूचनाओं को फेसबुक की अन्य कंपनियों के साथ साझा करने की शर्त भी शामिल है।
प्रतिस्पर्धा आयोग ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया कंपनी की निजता नीति की प्रकृति ‘स्वीकार करो या छोड़ दो’ है। साथ ही जो शर्तें तय की गई गई हैं या सूचनाओं को साझा करने के लिए जिन शर्तों का जिक्र है, व्हाट्सएप की बाजार में मजबूत स्थिति को देखते हुए उनकी जांच का मामला बनता है।
हालांकि, व्हाट्सएप ने कहा कि 2021 का अपडेट उसकी फेसबुक के साथ डाटा साझा करने की क्षमता को बढ़ाता नहीं है। इसका मकसद व्हॉट्सएप द्वारा जुटाए जाने वाले डाटा, उसके इस्तेमाल और उसको साझा करने को लेकर और पारदर्शिता लाना है।
हालांकि, सीसीआई ने स्पष्ट किया है कि कंपनी के इस तरह के दावों की पुष्टि डीजी की जांच के बाद ही हो सकती है।
आयोग ने कहा कि प्रयोगकर्ता अपने व्यक्तिगत आंकड़ों के मालिक हैं। उनके पास यह जानने का पूरा अधिकार है कि व्हॉट्सएप द्वारा फेसबुक की अन्य कंपनियों को ऐसी सूचनाओं को साझा करने का क्या मकसद है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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