प्रौद्योगिकी कंपनियों की पारदर्शिता रिपोर्ट दुष्प्रचार का मुकाबला करने के बारे में स्पष्ट नहीं

सिडनी, 30 मई को मीटा, गूगल और ट्विटर ने ऑस्ट्रेलिया में दुष्प्रचार पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों के दस्तावेजीकरण के साथ अपनी 2021 की वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट जारी की।  हालांकि ये रिपोर्ट दुष्प्रचार से लड़ने की कंपनियों की रणनीतियों की संकीर्ण दृष्टि ही पेश करती हैं। उनमें इन रणनीतियों के पीछे की वजह और उनके क्रियान्वयन के तौर तरीकों पर अस्पष्टता है। इसलिए उनसे ऑस्ट्रेलिया के डिजिटल सूचना परितंत्र को विनियमित करने के लिए प्रभावी कानून की जरूरत झलकती है।

पारदर्शिता रिपोर्ट डिजिटल इंडस्ट्री (डीआईजीआई) ग्रुप की स्वैच्छिक पद्धति संहिता का हिस्सा है जिस पर मीटा, गूगल और ट्विटर ने 2021 में (एडोब, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, रिडब्बल और टिकटॉक के साथ) दस्तखत किए थे।

डीआईजीआई ग्रुप और उसकी पद्धति संहिता तब बनायी गयी जब ऑस्ट्रेलिया सरकार ने 2019 में अनुरोध किया कि बड़े डिजिटल मंचों को दुष्प्रचार तथा सामग्री गुणवत्ता चिंताओं के समाधान के लिए और कुछ करना होगा।

पारदर्शिता रिपोर्ट क्या कहती हैं?

मीटा की नवीनतम रिपोर्ट में कंपनी दावा करती है कि उसने 2021 में स्वास्थ्य संबंधी गलत सूचनाएं फैलाने को लेकर ऑस्ट्रेलियाई फेसबुक एवं इंस्टाग्राम पेज या एकाउंट से 1,80,000 सामग्रियां हटायीं।

उसने फेसबुक जलवायु विज्ञान सूचना केंद्र जैसे कई नए उत्पाद भी पेश किए जिनका लक्ष्य ‘‘आस्ट्रेलियावासियों को जलवायु परिवर्तन पर प्राधिकृत सूचनाएं देना है। मीटा ने दुष्प्रचार की पहचान के लिए राष्ट्रीय मीडिया साक्षरता सर्वे के लिए वित्तपोषण तथा ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों को प्रशिक्षण देने के लिए धनांवटन की प्रतिबद्धता समेत कई पहलों की भी जानकारी दी।

इसी तरह, ट्विटर की रिपोर्ट में उन विभिन्न नीतियों का ब्योरा है जिसे वह झूठी सूचना की पहचान और उसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लागू करती है। उनमें निम्नलिखित बातें हैं–

-जब उपयोगकर्ता गुमराह करने वाला ट्वीट देखने लगते हैं, तो उन्हें अलर्ट करना।

-जब उपयोगकर्ता किसी खास शब्द या हैशटैग को ढूंढ़ते हैं तो उन्हें प्राधिकृत सूचना की ओर बढ़ने का निर्देश देना।

-कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करने पर ट्वीट हटाने, एकाउंट बंद कर देने तथा स्थायी रूप से निलंबित कर देने जैसे दंडात्मक कदम उठाना।

2021 की पहली छमाही में ट्विटर ने 7851 आस्ट्रेलियाई एकाउंट निलंबित किए और ऑस्ट्रेलियाई एकाउंट से 51,394 पोस्ट हटाए।

गूगल की अहम बातें यह हैं कि उसने ऑस्ट्रेलियाई आईपी एड्रेस से 90,000 से अधिक यूट्यूब वीडियो हटाए जिनमें 5000 कोविड-19 दुष्प्रचार से संबंधित थे।

गूगल की रिपोर्ट कहती है कि कंपनी की ‘गलत निरूपण इश्तहार नीति का उल्लंघन करने पर ऑस्ट्रेलिया स्थित विज्ञापनदाताओं की 6,57,000 प्रस्तुतियां प्रतिबंधित कर दी गयीं। गूगल के सरकार विषयक एवं जननीति वरिष्ठ प्रबंधक सामंथ योर्के ने कन्वरशेसन से कहा:

 ‘‘हम मानते हैं कि दुष्प्रचार एवं उससे जुड़े जोखिम उभरते रहेंगे और हम लोगों तथा अपनी सेवाओं की साख बचाने के लिए अपने कदमों एवं नीतियों का का पुनर्मूल्यांकन तथा अनुकूलन करेंगे।’’

अंतर्निहित समस्या

इन रिपोर्ट को पढ़ने के बाद हमें दिमाग में यह बात रखनी चाहिए कि मीटा, ट्विटर और गूगल निश्चित रूप से इश्तहार कारोबार हैं। इश्तहार से मीटा को 97 फीसद राजस्व, ट्विटर को 92 फीसद राजस्व और गूगल को 80 फीसद राजस्व मिलता है।

वे अधिकतम उपयोगकर्ता सहभागिता के हिसाब से अपने उत्पादों का डिजायन तैयार करती हैं और विस्तृत उपयोगकर्ता आंकड़ा निकालती हैं जिसका फिर लक्षित विज्ञापन के लिए उपयोग किया जाता है।

वैसे तो वे ऑस्ट्रेलियाई जनविमर्श पर छायी रहती हैं और उसकी दिशा-दशा तय करती हैं लेकिन उनकी मूल चिंता अपनी गुणवत्ता एवं ईमानदारी बढ़ाना नहीं है, बल्कि वे अपनी सामग्री को इस तरह तराशती हैं जिससे उपयेागकर्ताओं का ध्यान प्रभावी ढंग से खींचा जा सके।

कौन तय करता है कि ‘गलत सूचना’ क्या है

उनकी प्रत्यक्ष विनिर्दिष्टता के बावजूद रिपोर्ट कुछ अहम सूचनाएं छोड़ देती हैं। पहला, हर कंपनी गुमराहपूर्ण सूचना की पहचान एवं उन्हें हटाने पर बल देती है लेकिन वे उन सटीक मापदंड का खुलासा नहीं करती हैं जिनके आधार पर वे ऐसा करती हैं या फिर उन मापदंड का उपयोग कैसे किया जाता है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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