फिलीपींस में राष्ट्रपति दुतेर्ते की बेटी ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली

मनीला, फिलीपींस में पद छोड़ रहे लोकप्रिय राष्ट्रपति दुतेर्ते की बेटी सारा दुतेर्ते ने रविवार को उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। सारा ने शानदार चुनावी जीत अपने पिता के मानवाधिकार रिकॉर्ड के बावजूद हासिल की, जिनके कार्यकाल में मादक पदार्थ से जुड़े हजारों संदिग्ध तस्करों को मार गिराया गया था।

सारा अभी तक दक्षिण स्थित अपने गृहनगर दावो की महापौर थीं। वह 30 जून को पदभार ग्रहण करेंगी। दुतेर्ते के मौजूदा साथी और राष्ट्रपति चुने गये फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर 30 जून को मनीला में पद की शपथ लेंगे।

77 वर्षीय राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने बंदरगाह शहर दावो में भारी सुरक्षा के बीच आयोजित समारोह में अति विशिष्ट मेहमानों की अगुवाई की। रोड्रिगो दुतेर्ते 1980 के दशक के अंत से लंबे समय तक दावो के महापौर रह चुके हैं।

मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले दुतेर्ते के परिवार ने लंबे समय से वापपंथियों और मुस्लिम विद्रोह और हिंसक राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण अशांत दक्षिणी क्षेत्र में एक मजबूत राजनीतिक राजवंश का निर्माण किया।

सारा और मार्कोस जूनियर की चुनावी जीत ने वामपंथी और मानवाधिकार समूहों को चिंतित कर दिया है, क्योंकि वे दिवंगत तानाशाह फर्डिनेंड मार्कोस सहित दोनों के पिता के राज में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार हनन संबंधी अत्याचारों को संज्ञान में लाने में विफल रहे।

राष्ट्रपति के बेटों में से एक, सेबस्टियन दुतेर्ते, अब दावो के मेयर पद पर अपनी बहन का स्थान लेंगे और उनके एक अन्य बेटे पाओलो दुतेर्ते ने नौ मई के चुनाव में प्रतिनिधि सभा की एक सीट पर जीत दर्ज की। राष्ट्रपति पद छोड़ रहे राष्ट्रपति के दिवंगत पिता भी दावो के पूर्व गवर्नर थे।

इस बार सारा (44) ने अपने पिता और समर्थकों की राष्ट्रपति बनने की अपील को खारिज कर दिया था, लेकिन उन्होंने भविष्य में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की संभावना को खारिज नहीं किया है।

हालांकि, पिछले साल चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में सारा राष्ट्रपति पद के लिए शीर्ष पर थीं । सारा ने उपराष्ट्रपति पद संभालने के साथ शिक्षा सचिव के रूप में सेवा देने पर भी सहमति जताई है। लेकिन यह भी चर्चा है कि सारा की प्रारंभिक प्राथमिकता राष्ट्रीय रक्षा विभाग की प्रमुख बनने की थी, जो राष्ट्रपति बनने का एक पारंपरिक आधार है।

सारा ने संवादाताओं से कहा, ‘‘हमारे संविधान में उपराष्ट्रपति के लिए किसी खास कार्य विशेष का उल्लेख नहीं है, सिवाय ‘भावी राष्ट्रपति’ के रूप में देखे जाने या कैबिनेट पद मिलने की स्थिति को छोड़कर।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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