फिल्मों में एक्शन के लिए पहचाने जाने पर गर्व है : विद्युत जामवाल

नयी दिल्ली, अभिनेता विद्युत जामवाल ने अपने एक दशक से अधिक लंबे करियर में खुद को भारतीय फिल्म उद्योग में एक ऐसे एक्शन हीरो के रूप में स्थापित किया है जिसकी मांग काफी अधिक है और वह अपनी इस स्थिति को लेकर बेहद खुश हैं।

‘कमांडो’ सीरीज की फिल्म और ‘खुदा हाफिज’ में अपने अभिनय के लिए पहचाने जाने वाले अभिनेता एवं मार्शल आर्ट्स कलाकार का मानना है कि कुछ ऐसा करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए जिसमें उत्कृष्ट भूमिका निभाने का मौका हो।

विद्युत जामवाल (41) ने पीटीआई-भाषा से कहा, “मैं एक्शन द्वारा पहचाने जाने और परिभाषित होने से बेहद खुश हूं। मुझे टाइपकास्ट होने पर गर्व महसूस होता है। जब आप अपने काम में सर्वश्रेष्ठ होने के लिए टाइपकास्ट हो जाते हैं तो वहां बने रहना आसान नहीं होता है।”

अभिनेता का कहना है कि उन्हें सभी प्रकार का एक्शन पसंद है लेकिन वह फिल्मों का चुनाव करते समय केवल एक्शन को ही तरजीह नहीं देते।

जामवाल ने कहा, “मेरे लिए यह हमेशा या तो ‘कमांडो’ में देश के लिए लड़ना रहा हो या ‘जंगली’ में जानवरों को बचाने की जिम्मेदारी निभाना रहा हो, जैसा कि कोई नहीं करता है। जबकि ‘खुदा हाफिज’ थोड़ी अलग है जो एक आम आदमी के बारे में है जो कभी लड़ाई में नहीं रहा है।”

दरअसल, विद्युत जामवाल की फिल्म ‘खुदा हाफिज: चैप्टर 2 – अग्नि परीक्षा’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई, जिसमें वह एक बार फिर से नयी-नयी चुनौतियों का सामना करते हुए नजर आएंगे। इस फिल्म का निर्देशन भी फारूक कबीर ने किया है।

‘खुदा हाफिज’ में जामवाल ने समीर नामक एक व्यक्ति का किरदार निभाया था जो अगवा की गई अपनी पत्नी को छुड़ाने की कोशिश करता है।

जामवाल ने कहा कि फिल्मों ने उन्हें एक ऐसा मौका दिया है जहां उन्हें एक लड़ाकू के रूप में बहुत सी चीजें सीखनी को मिली हैं।

अभिनेता ने कहा, “जीवन में मेरा सिद्धांत यह है कि मैं ऐसी चीजें करना चाहता हूं जिससे मुझे डर लगे या मैं भयभीत हो जाऊं। मैं उस डर का सामना करना चाहता हूं। फिल्मों का चयन करते समय मैं यही कहता हूं।”

जामवाल ने अपनी आगामी फिल्म ‘आईबी 71’ पर भी काम करना शुरू कर दिया है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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