फ्रांस में चर्च में यौन उत्पीड़न पर पोप ने ‘शर्मिंदगी’ जताई

वेटिकन सिटी, पोप फ्रांसिस ने फ्रांस में चर्च के अंदर बड़ी संख्या में बाल यौन उत्पीड़न पर बुधवार को दुख जताया और कहा कि यह उनके एवं रोमन कैथोलिक चर्च के लिए ‘‘शर्मिंदगी’’ की बात है। साथ ही उन्होंने पीड़ितों की जरूरतों को पूरा करने में विफलता की बात स्वीकार की।

मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि 1950 के बाद से पादरी वर्ग एवं चर्च के अन्य पदाधिकारियों ने करीब तीन लाख 30 हजार बच्चों का यौन उत्पीड़न किया। पोप ने वेटिकन में अपनी नियमित दर्शक वार्ता के दौरान बातचीत में शर्मिंदगी जताई।

फ्रांसिस ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से यह बहुत बड़ी संख्या है। पीड़ितों ने जो दर्द एवं सदमा सहा, उस पर मैं दुख जताता हूं। यह मेरे लिए शर्म की बात है, हमारे लिए शर्म की बात है और यह चर्च की अक्षमता है।’’

उन्होंने सभी बिशप और धार्मिक नेताओं से अपील की कि वे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब तीन हजार पादरियों और कैथोलिक चर्च से जुड़े दूसरे अज्ञात लोगों ने बच्चों का यौन उत्पीड़न किया।

निष्कर्ष जारी करने वाले स्वतंत्र आयोग के अध्यक्ष ज्यां मार्क सावे ने मंगलवार को कहा कि कैथोलिक अधिकारियों ने 70 वर्षों तक हुए यौन उत्पीड़न को ‘‘चरणबद्ध तरीके’’ से छिपाया। पीड़ितों ने 2500 पृष्ठों के दस्तावेज का स्वागत किया और फ्रांस के कैथोलिक बिशप संगठन के प्रमुख ने उनसे माफी मांगी।

इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने बुधवार को पीड़ितों के लिए अपने ‘‘विचार’’ भेजे। स्लोवेनिया में एक यूरोपीय बैठक के इतर उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़ों और भयानक स्थितियों के पीछे, टूटे हुए जीवन हैं।’’

मैक्रों ने कहा, ‘‘सच्चाई और मुआवजे की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में बदलाव को लागू करने और बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए काम करना बाकी है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

%d bloggers like this: