बच्चों में ‘स्ट्रोक’ का जोखिम बढ़ा सकता है कोविड-19 : अध्ययन

वाशिंगटन, अमेरिका में कराये गये एक संक्षिप्त अध्ययन के अनुसार कोविड-19 संक्रमण के बाद बच्चों में ‘स्ट्रोक’ का खतरा बढ़ सकता है।

अनुसंधान की रिपोर्ट इस सप्ताह ‘पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है। इस अनुसंधान में अस्पताल में भर्ती 16 रोगियों के चिकित्सा चार्ट और निदान प्रक्रिया की समीक्षा की गयी जिन्हें मार्च 2020 से जून 2021 के बीच रक्त का प्रवाह कम होने से दौरा पड़ा।

इनमें से अधिकतर मामले बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से सामने आने के कुछ ही दिन बाद फरवरी और मई 2021 के बीच आये थे। इनमें से करीब आधे नमूनों में जांच में संक्रमण का पता चला।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि 16 में से एक भी नमूने में गंभीर संक्रमण का पता नहीं चला और कुछ रोगियों में तो लक्षण भी नजर नहीं आये।

उन्होंने कहा कि पांच रोगियों को अतीत में कोविड संक्रमण नहीं होने की पुष्टि हुई।

यूनिवर्सिटी ऑफ उताह हेल्थ में विशेषज्ञ और प्रमुख अध्ययनकर्ता मैरीग्लेन जे वीलेयुक्स ने कहा, ‘‘यह अति-प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हो सकती है जो बाद में होती है और बच्चों में थक्का बनने का कारण बनती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर बच्चों में दौरा पड़ने का खतरा अपेक्षाकृत कम होता है, लेकिन कोविड के बाद दुर्लभ मगर वास्तविक जोखिम होता है।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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