बढ़ते हुए वैश्विक खतरे के मद्देनजर अपनी मिसाइल प्रणाली को उन्नत बनाएगा ऑस्ट्रेलिया

कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया ने रूस और चीन की ओर से बढ़ते हुए खतरों के मद्देनजर अपनी मिसाइल प्रणाली को मजबूत और उन्नत बनाने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलें खरीदने की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है।

रक्षा मंत्री पीटर डटन ने मंगलवार को कहा कि लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों को उन्नत बनाने की प्रक्रिया शुरू करने में 3.5 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (2.6 अरब अमेरिकी डॉलर) खर्च होंगे और इससे विरोधियों के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की क्षमता बढ़ेगी।

डटन ने सेवन नेटवर्क टेलीविजन से कहा, ‘एक आम धारणा थी कि चीन द्वारा ताइवान के प्रति आक्रामक का रवैया 2040 के दशक में अपनाया जा सकता है। मुझे लगता है कि यह समय सीमा नाटकीय रूप से घट रही है।”

ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री ने द्वितीय विश्व युद्ध की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘जब हम देखते हैं कि यूक्रेन में क्या हुआ है, तो रूस के पोलैंड या यूरोप में कहीं और आक्रमण करने की संभावना भी बढ़ गयी है। यह 1930 के दशक की पुनरावृत्ति होगी और हमें ऐसा कुछ नहीं होने देना चाहिए।’

ऑस्ट्रेलिया के एफए-18एफ सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमानों को 2024 तक अमेरिका में निर्मित हवा से सतह तक मार करने वाली उन्नत मिसाइलों से लैस किया जाएगा।

ऑस्ट्रेलिया ने सोलोमन द्वीप समूह द्वारा चीन के साथ एक सुरक्षा समझौता करने के बाद अपनी मिसाइल और अन्य रक्षा उपकरणों को उन्नत बनाने की योजना बनाई है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: