बिहार में मार्च 2022 तक प्रत्येक इच्छुक उपभोक्ता को कृषि बिजली कनेक्शन प्रदान किया जाएगा- मंत्री

पटना, बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने विधानसभा में घोषणा की कि प्रत्येक इच्छुक उपभोक्ता को मार्च 2022 के अंत तक कृषि बिजली कनेक्शन प्रदान किया जाएगा।

बिहार विधानसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उर्जा विभाग के 8559.99 करोड़ रुपये के बजटीय मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की किसानों को कृषि बिजली कनेक्शन प्रदान करने की इच्छा है तथा राज्य में अब तक तीन लाख कृषि बिजली कनेक्शन दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कृषि कार्य के लिए बिजली कनेक्शन के वास्ते 65 पैसे प्रति यूनिट की सस्ती दर पर बिजली की आपूर्ति की जाती है।

यादव ने कहा कि सरकार ने मार्च 2022 तक राज्य के प्रत्येक इच्छुक उपभोक्ताओं को कृषि बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए दो कंपनियों को निविदा दी है। उनके अनुसार सभी इच्छुक उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन मुख्‍यमंत्री कृषि विद्युत योजना के तहत दिया जाएगा क्‍योंकि केन्‍द्र की दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनाश्के सीमित दायरे के कारण हर उपभोक्‍ता को कृषि कनेक्शन देना संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में सरकार ने स्मार्ट प्रीपेड मीटरश्लगाने का निर्णय लिया और फरवरी 2021 तक राज्य के विभिन्न शहरों में 1,40,187 प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं।

यादव ने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि इइसीएल ने फ्रांस की कंपनी इडीएफ के साथ मिलकर अगले 18 महीनों में 2.5 लाख प्रीपेड मीटर लगाएगी। फ्रांसीसी कंपनी अगले छह वर्षों के लिए भी रखरखाव प्रदान करेगी। इस तरह के मीटरों की स्थापना से न केवल ऊर्जा बचाने में मदद मिलेगी बल्कि इसके दुरुपयोग को भी रोका जा सकेगा।’’

उन्होंन राज्य में लगभग 6000 मेगावाट की बिजली की आपूर्ति किए जाने का दावा करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने पिछले तीन वर्षों में सब्सिडी के रूप में 5000 करोड़ से अधिक खर्च की है।

मद्यनिषेध, आबकारी और पंजीकरण मंत्री सुनील कुमार ने अपने विभाग की बजटीय मांग का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने मद्यनिषेध कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि 2021 फरवरी तक 3.46 लाख लोगों को पंजाब, हरियाणा और झारखंड से 5,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है (बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से)।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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