ब्रिटेन ने भारत के साथ एफटीए वार्ता शुरू करने की घोषणा की

लंदन, ब्रिटेन सरकार ने बृहस्पतिवार को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की बातचीत शुरू करने की घोषणा की और इसे ब्रिटिश व्यापारों को भारतीय अर्थव्यवस्था की ‘‘कतार में सबसे आगे’’ रखने का ‘‘सुनहरा अवसर’’ बताया।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि एफटीए भारत के साथ देश की ऐतिहासिक भागीदारी को अगले स्तर पर ले जाएगा और उन्होंने कहा कि स्कॉच व्हिस्की, वित्तीय सेवाओं और नवीनीकरण प्रौद्योगिकी जैसे कुछ अहम क्षेत्रों को इससे लाभ मिलेगा।

पहले दौर की वार्ता अगले सप्ताह शुरू होने की संभावना है, जिसे सरकार ने कहा कि यह पक्षकारों के बीच औपचारिक वार्ता की ब्रिटेन की सबसे तेज शुरुआत है।

जॉनसन ने कहा, ‘‘भारत की उभरती अर्थव्यवस्था के साथ व्यापार समझौता ब्रिटिश कारोबारों, कामगारों और उपभोक्ताओं को बड़ा फायदा पहुंचाती है। चूंकि हम भारत के साथ अपनी ऐतिहासिक भागीदारी को अगले स्तर तक ले जाना चाहते है तो ब्रिटेन की स्वतंत्र व्यापार नीति नौकरियां पैदा कर रही है, वेतन बढ़ा रही है और देशभर में नवोन्मेष लेकर आ रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन के पास विश्व स्तरीय कारोबार और दक्षता है जो स्कॉच व्हिस्की से लेकर वित्तीय सेवाओं और नवीनीकरण प्रौद्योगिकी तक है। हम विश्व स्तर पर अपना स्थान मजबूत करने और देश में नौकरियां पैदा करने के लिए हिंद-प्रशांत की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अवसरों का लाभ उठा रहे हैं।’’

जॉनसन का यह बयान तब आया है जब अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए विदेश मंत्री एनी मैरी ट्रेवेलियान 15वीं ब्रिटेन-भारत संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति के लिए नयी दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करने के लिए तैयार हैं।

ट्रेवेलियान ने कहा, ‘‘भारत के साथ समझौता ब्रिटिश कारोबारों को कतार में सबसे आगे रखने के लिए सुनहरा अवसर है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से वृद्धि कर रही है। 2050 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा, जहां तकरीबन 25 करोड़ मध्यम वर्ग के खरीददार होंगे। हम अपने काबिल ब्रिटिश निर्माताओं और विनिर्माताओं के लिए इस नए बाजार में पैठ बनाना चाहते हैं।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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