भाजपा कभी जातीय जनगणना के विरुद्ध नहीं रही : सुशील मोदी

पटना, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि भाजपा कभी जातीय जनगणना के विरुद्ध नहीं रही और पार्टी ने हमेशा संसद और विधानमंडल में इसका समर्थन किया।

सुशील ने मंगलवार को कहा कि इस मुद्दे पर बिहार विधानसभा और विधान परिषद से दो बार पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव में भाजपा भी शामिल रही है। उन्होंने कहा कि जब इस मांग को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गया, तब उसमें बिहार से वरिष्ठ मंत्री जनक राम और झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी शामिल हुए थे।

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील ने कहा कि केंद्र सरकार ने सबकी राय पर सम्मानपूर्वक विचार करने के बाद व्यावहारिक कारणों से जातीय जनगणना कराने में असमर्थता प्रकट की है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने पर देश में वर्षों से शीर्ष स्तर पर चिंतन-मनन जारी है।

भाजपा नेता ने कहा कि वर्ष 2010 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान, जब इस विषय पर लोकसभा में चर्चा हुई थी तब भाजपा के गोपीनाथ मुंडे ने प्रस्ताव का समर्थन किया था। सुशील ने कहा कि तेलंगाना ने 2014 और कर्नाटक ने 2015 में जातीय जनगणना कराई थी, जिसका भाजपा ने कभी विरोध नहीं किया।

उन्होंने कहा कि जब उड़ीसा विधानसभा ने जातीय जनगणना कराने के पक्ष में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया, तब वहां भी भाजपा ने इसका समर्थन किया था।

सुशील ने कहा कि उनकी पार्टी के रुख में प्रामाणिक निरंतरता के बावजूद यदि कोई इसे जातीय जनगणना का विरोधी बताता है तो यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है।

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संकेत दिया है कि एक सर्वदलीय बैठक में विभिन्न समूहों से सुझाव प्राप्त करने के बाद जल्द ही जातीय जनगणना को लेकर एक राज्य विशिष्ट सर्वेक्षण किया जाएगा।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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