भारतीय हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 4-3 से हराया, नियमत समय में 13 मैचों के बाद पहली जीत

एडीलेड, भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पांच मैचों की श्रृंखला के तीसरे टेस्ट में दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया को बुधवार को यहां 4-3 से हराकर उलटफेर किया।

भारतीय टीम की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नियमित समय में 13 मैच के बाद यह पहली जीत है। भारत ने नियमित समय में पिछली बार 29 नवंबर 2016 को विक्टोरिया के बेंडिगो में दो मैचों के द्विपक्षीय टेस्ट दौरे के पहले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हराया था।

इसके बाद से दोनों टीमों ने 13 मैच खेले हैं जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने नियमित समय में 10 मैचों में जीत दर्ज की है, जबकि दो मैचों का फैसला पेनल्टी शूटआउट से निकला है। इसमें से एक मैच भारत ने जीता था। दोनों टीमों के बीच एक मुकाबला (2017 में भुवनेश्वर में पुरुष हॉकी विश्व लीग फाइनल) 1-1 से ड्रॉ रहा और उस समय शूटआउट का नियम लागू नहीं था।

शुरुआती दोनों मैचों में जीत दर्ज करने में नाकाम रहा भारत इस अप्रत्याशित सफलता के साथ श्रृंखला को जीवंत रखने में कामयाब रहा। इस जीत के बाद भारत श्रृंखला में 1-2 से पिछड़ रहा है। मेहमान टीम को पहले दो टेस्ट मैच में 4-5 और 4-7 से हार का सामना करना पड़ा था।

 टीम के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह (12वें मिनट), अभिषेक (47वें मिनट), शमशेर सिंह (57वें मिनट) और आकाशदीप सिंह (60वें मिनट) ने गोल किए।

ऑस्ट्रेलिया के लिए जैक वेल्च (25वें), कप्तान एरान जालेवस्की (32वें) और नाथन इफ्राम्स (59वें) ने गोल दागे।

श्रृंखला का चौथा मैच शनिवार और आखिरी मैच रविवार को खेला जाएगा।

इस मैच में दोनों टीमों ने धैर्यपूर्वक शुरुआत की और जवाबी हमले की जगह विरोधी टीम को मौका देने से बचने की कोशिश की।

ऑस्ट्रेलिया ने हालांकि सातवें मिनट मैच का पहला मौका बनाया लेकिन उसके खिलाड़ी भारतीय रक्षापंक्ति को चकमा देने के बाद गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक की सजगता से पार नहीं पा सके।

इसके पांच मिनट के बाद भारतीय कप्तान ने पेनल्टी कॉर्नर पर ताकत का इस्तेमाल करने की जगह ‘प्लेसमेंट’ पर ध्यान देते हुए ऑस्ट्रेलिया के गोलकीपर जोहान डर्स्ट की दाहिनी ओर गोल कर भारत को बढ़त दिला दी।

इसके तुरंत बाद युवा खिलाड़ी सुखजीत सिंह ने अपने कौशल का शानदार परिचय दिया लेकिन उनका प्रयास गोल में नहीं बदल सका।

मैच के दूसरे हाफ में 20वें मिनट में भारत के अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश गोल करने के दो और प्रयास को विफल कर दिये। उन्होंने मैदानी शॉट पर शानदार बचाव करने के एक मिनट बाद पेनल्टी कॉर्नर पर ऑस्ट्रेलिया को गोल करने से रोका ।

ऑस्ट्रेलिया ने 25वें मिनट में बराबरी हासिल की जब वेल्च ने श्रृंखला का अपना तीसरा गोल किया। श्रीजेश ने पेनल्टी कॉर्नर पर टिम हावर्ड के प्रहार पर जेरी हेवर्ड की ड्रैग-फ्लिक को विलफ किया लेकिन वेल्च ने रिबाउंड पर इसे गोल में बदल दिया।

मध्यांतर के बाद घरेलू टीम ने बढ़ल लेने के लिए अधिक जोर लगाना शुरू किया और दो मिनट में दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किये। श्रीजेश एक को रोकने में सफल रहे जबकि हावर्ड के शॉट पर कप्तान जालेवस्की ने गोल कर ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से आगे कर दिया।

मैच के आखिरी क्वार्टर में अभिषेक ने हरमनप्रीत के फ्लिक को गोल पोस्ट में डाल स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया। भारत को इसके बाद 52वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन टीम इसे भुनाने में नाकाम रही। राजकुमार पाल का शॉट इसके बाद सर्किल के दूर से निकल गया।

भारतीय टीम ने इस क्वार्टर में बेहतर खेल दिखाया और टीम एक और पेनल्टी कॉर्नर हासिल करने में सफल रही। जुगराज के प्रयास के विफल होने के बाद शमशेर ने गेंद पर नियंत्रण बनाकर गोल दाग दिया।

मैच के आखिरी मिनट में इफ्राम्स के गोल से ऑस्ट्रेलिया ने बराबरी की लेकिन आखिरी हूटर बजने से 54 सेकंड पहले भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे मंदीप सिंह के शॉट पर आकाशदीप ने गोल में बदल कर टीम को यादगार जीत दिला दी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Indian_Hockey_team.jpg

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