भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का सबसे बड़ा आधार ‘परस्पर विश्वास और परस्पर सम्मान’ है: मोदी

सिडनी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का सबसे बड़ा आधार ‘परस्पर विश्वास और परस्पर सम्मान’ है और यह सिर्फ दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों से विकसित नहीं हुआ है। अपने ऑस्ट्रलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने यहां प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि इसका असली आधार ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला हर एक भारतीय और ऑस्ट्रेलिया के नागरिक हैं।

            ‘नमस्ते ऑस्ट्रेलिया’ के संबोधन से अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि एक समय था जब भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की व्याख्या ‘ट्रिपल सी’ यानी कॉमनवेल्थ (राष्ट्रमंडल), क्रिकेट और करी से होती थी और उसके बाद कहा गया कि दोनों देशों के संबंध ‘थ्री डी’ पर आधारित है यानी डेमोक्रेसी (लोकतंत्र), डायस्पोरा (प्रवासी) और दोस्ती।

            मोदी ने कहा कि कुछ लोगों ने यह भी कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध ‘थ्री ई’ यानी एनर्जी (ऊर्जा), इकोनॉमी (अर्थव्यस्था) और एजुकेशन (शिक्षा) पर आधारित हैं।

            उन्होंने कहा, ‘‘कभी ‘सी’ कभी ‘डी’ और कभी ‘ई’। अलग-अलग कालखंड में यह बात संभवत: सही भी रही है, लेकिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक संबंधों का विस्तार इससे कहीं ज्यादा बड़ा है। परस्पर विश्वास और परस्पर सम्मान सिर्फ भारत-ऑस्ट्रेलिया के कूटनीतिक रिश्तों से विकसित नहीं हुआ है। इसकी असली वजह हैं ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला हर एक भारतीय…इसकी असली वजह हैं ऑस्ट्रेलिया के नागरिक।’’

            मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच भौगोलिक दूरी जरूर है, लेकिन हिंद महासागर इन्हें आपस में जोड़ता है, जीवनशैली भले अलग-अलग हों पर अब योग भी इन्हें जोड़ता है।

            उन्होंने कहा कि क्रिकेट से तो दोनों देश ना जाने कब से जुड़े हुए हैं, लेकिन अब टेनिस और फिल्में भी इन्हें जोड़ रही हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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