भारत के राष्ट्रपति ने एम्स ऋषिकेश के चौथे दीक्षांत समारोह में भाग लिया

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 23 अप्रैल, 2024 को उत्तराखंड के ऋषिकेश में एम्स ऋषिकेश के चौथे दीक्षांत समारोह में भाग लिया और संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व स्तरीय शिक्षा और सेवा प्रदान करना एम्स ऋषिकेश सहित सभी एम्स की एक बड़ी राष्ट्रीय उपलब्धि है। सभी एम्स सर्वोत्तम और किफायती उपचार प्रदान करने के लिए पहचाने जाते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में कई एम्स की स्थापना इस उद्देश्य से की जा रही है कि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके और अधिक से अधिक मेधावी छात्र एम्स में शिक्षा प्राप्त कर सकें।

यह देखते हुए कि एम्स ऋषिकेश में 60 प्रतिशत से अधिक छात्र छात्राएं हैं, राष्ट्रपति ने कहा कि नीति निर्माण से लेकर तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल तक के क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी एक बड़े और सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की तस्वीर पेश करती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के हित में नवीनतम तकनीक का उपयोग करना एम्स ऋषिकेश जैसे संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एम्स ऋषिकेश सीएआर टी-सेल थेरेपी और स्टेम सेल रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने इस संस्था से ऐसे क्षेत्रों में सहयोग कर तेजी से आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि निदान और उपचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स की भूमिका बढ़ती रहेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन परिवर्तनों का एम्स ऋषिकेश द्वारा तेजी से कुशल उपयोग किया जाएगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड में धूप की कमी और स्थानीय खान-पान की आदतों के कारण लोग, खासकर महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस और एनीमिया जैसी बीमारियों से प्रभावित होती हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक चिकित्सा के इस युग में भी चिकित्सा से संबंधित राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय समस्याओं पर शोध और समाधान एम्स ऋषिकेश जैसे संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने एम्स ऋषिकेश से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामुदायिक सहभागिता पर अधिकतम ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके संस्थान ‘स्वस्थ भारत’ और ‘विकसित भारत’ के निर्माण में योगदान दे सकेगा।

PC:https://twitter.com/rashtrapatibhvn/status/1782764280544412114/photo/4

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