नयी दिल्ली, भारत और ब्रिटेन ने टीकाकरण प्रमाणपत्रों को मान्यता देने की दिशा में तेजी से काम करने पर बृहस्पतिवार को सहमति जताई, ताकि पेशेवरों सहित सभी लोगों के लिए आवागमन आसान हो सके और आर्थिक सुधार में योगदान दिया जा सके।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक की अध्यक्षता में हुई 11वीं भारत-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता (ईएफडी) के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बीच सफल गठजोड़ वैश्विक टीकाकरण प्रयासों का समर्थन करने के लिए हमारे सहयोग के सकारात्मक प्रभाव का एक प्रमाण है।’’ यह बैठक डिजिटल माध्यम से हुई।
दोनों नेताओं ने कोविड-19 से खिलाफ भारत के कदमों के क्रियान्वयन को आसान बनाने और रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) पर राष्ट्रीय कार्य योजना के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए नई फ्लेमिंग फंड साझेदारी का स्वागत किया।
बयान में कहा गया है, ‘‘हम पेशेवर और व्यावसायिक कारणों सहित अन्य वजहों से यात्रा के इच्छुक अपने लोगों के मुक्त आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्रों की मान्यता पर तेजी से काम करने की आवश्यकता पर सहमत हैं। इससे शीघ्र आर्थिक सुधार में योगदान मिलेगा।’’
संयुक्त बयान में बताया गया कि दोनों देशों ने इस बात को भी रेखांकित किया कि ब्रिटेन जी7 और सीओपी26 की अध्यक्षता कर रहा है, जबकि भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है तथा 2023 में जी20 की अध्यक्षता करने वाला है और वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (2021-22) का भी सदस्य है, ऐसे में यह दोनों देशों के लिए ‘‘वैश्विक नेतृत्व का क्षण’’ है।
इसमें कहा गया, ‘‘हम इस महत्वपूर्ण समय में बहुपक्षीय प्रणाली के माध्यम से सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करते हैं।’’
उन्होंने इस साल की शुरुआत में घोषित उन्नत व्यापार साझेदारी (ईटीपी) का भी समर्थन किया, ‘‘जो 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक करने की हमारी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए रोजगार और निवेश के अवसर पैदा कर रही है’’।
ब्रिटेन ने कारोबार करने को सरल बनाने के लिए कराधान कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 सहित भारत के कदमों का स्वागत किया, जिनसे कारोबारी माहौल ‘‘सुदृढ़’’ होगा। इसके अलावा, भारत और ब्रिटेन एक सामाजिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना संबंधी पारस्परिक आदान-प्रदान करने और जानकारी साझा करने के लिए प्रासंगिक हितधारकों की भागीदारी सहित एक संयुक्त वार्ता के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस संबंध में पहली बैठक 26 अगस्त को हुई थी।
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘हम आव्रजन और गतिशीलता साझेदारी के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का भी स्वागत करते हैं, जिससे दोनों पक्षों की प्रतिभाओं का आदान-प्रदान हो सकेगा।’’
इस दौरान जी20 और सीओपी26 सहित बहुपक्षीय मुद्दों पर आर्थिक सहयोग को लेकर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने फिन-टेक और गिफ्ट सिटी, वार्षिक भारत-ब्रिटेन वित्तीय बाजार संवाद और वित्तीय बाजारों में सुधार के लिए चल रहे उपायों पर विशेष जोर देने के साथ वित्तीय सेवाओं के सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। भारत-ब्रिटेन वित्तीय भागीदारी (आईयूकेएफपी) और भारत-ब्रिटेन सतत वित्त कार्य समूह के तहत निजी क्षेत्र की पहलों पर भी चर्चा की गई।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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