नयी दिल्ली, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत 2014 से विज्ञान के हर क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि जब अमेरिकी और सोवियत संघ चंद्रमा पर उतरने वाले थे, देश तब भी ‘नर्सरी की कविताएं गा’ रहा था, लेकिन अब मंगलयान द्वारा प्राप्त तस्वीरें नासा मांग रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षित और योग्य वैज्ञानिकों पर बहुत अधिक निर्भरता है, हालांकि कम पढ़े-लिखे लोग भी नवाचार पेश कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार सरकार वह है जो युवाओं को अपनी आजीविका कमाने के लिए माहौल तैयार करती है क्योंकि कोई भी हर एक को सरकारी नौकरी नहीं दे सकता।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अंतर्गत आने वाले निकाय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी भारत के आत्मनिर्भर बनने की कुंजी है।
सिंह ने कहा, “भारत विज्ञान के लगभग हर क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभर रहा है, और खासकर जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पदभार संभाला है। हमारे पास मानव संसाधन था लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्राथमिकता में कमी थी और वह 2014 के बाद पूरा हो गया।” उन्होंने कहा कि मानव संसाधनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन चुनौती यह है कि इसे कैसे इसका उपयोग किया जाए?
उन्होंने कहा, “सौभाग्य से, हमारे पास एक प्रधानमंत्री हैं जो काफी सहयोग करते हैं, जो हमें नए-नए प्रयोगों को आजमाने की आज़ादी देते हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत में नए प्रतिमान विकसित करने की भी क्षमता है।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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