मिल्खा सिंह आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव आत्म विश्वास और दृढ़ संकल्प का प्रतीक रहेंगे: फरहान अख्तर

नयी दिल्ली, वर्ष 2013 में फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ की शूटिंग के दौरान महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह के साथ बने आत्मीय संबंधों को याद करते हुए अभिनेता-फिल्म निर्माता फरहान अख्तर ने सिंह को ‘कठिन मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति’ का प्रतीक करार दिया और कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए वह सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।

अख्तर ने कहा कि महान एथलीट मिल्खा सिंह ने जीवन के सबसे बुरे दौर से उबरकर अपनी एक अलग पहचान बनायी थी।

कोरोना संक्रमण से एक महीने तक जूझने के बाद सिंह (91) का चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल में शुक्रवार देर रात निधन हो गया। इससे एक सप्ताह पहले उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर का भी संक्रमण से निधन हो गया था। उनके परिवार में बेटा जीव मिल्खा सिंह (गोल्फर) और तीन बेटियां हैं।

अख्तर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि वह उनके निधन की बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। अख्तर ने मिल्खा सिंह पर बनी बायोपिक ‘भाग मिल्खा भाग’ में इस महान खिलाड़ी की भूमिका निभाने के दौरान उनके साथ समय बिताया था।

उन्होंने लिखा, ‘‘ मेरा मन अब भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहा कि आप इस दुनिया में नहीं हैं। हो सकता है कि यह वही जिद है, जो आपसे मैंने पायी है, …यह कुछ ऐसा है कि जो सोच लिया जाए तो फिर कभी मन से जाता नहीं है। और सच्चाई तो यही है कि आप हमेशा जीवित रहेंगे।’’

अभिनेता ने सिंह को बड़े दिलवाला व्यक्ति करार देते हुए कहा कि वह जमीन से जुड़े व्यक्ति थे और दुनिया को यह दिखाया था कि कठिन मेहनत, ईमानदारी और दृढ़ इच्छाशक्ति से आप आकाश छू सकते हैं।

अभिनेता ने सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘ उनकी कहानी हर किसी को प्रेरणा देती है क्योंकि यह एक ऐसा सार्वभौमिक संदेश है कि आपको सफल होने के लिए पहले खुद पर विश्वास करने की आवश्यकता है। मैं महसूस करता हूं कि वह अभी भी हमारे बीच हैं, क्योंकि मिल्खा सिंह एक शख्स होने से कहीं अधिक बढ़कर हैं। उनकी मौजूदगी, उनकी ऊर्जा सदैव हमारे साथ रहेगी। वह हमेशा उन लोगों के साथ रहेंगे, जिनके जीवन को उन्होंने छुआ है। इसलिए, मैं सचमुच यह भरोसा नहीं करता कि वह कहीं चले गए हैं।’’

फरहान ने पीटीआई-भाषा को ऑनलाइन साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘‘ मिल्खा सिंह (मेरे लिए क्या थे) को एक वाक्य में समेटना बेहद कठिन है। वह मेरे लिए परिवार की तरह थे। उनके साथ बितायी गयी खूबसूरत यादें मेरे साथ हैं। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा और मैं खुद को बेहद भाग्यशाली मानता हूं कि उनके साथ बेहतरीन वक्त बिताने का मौका मिला। वह बेहद खास शख्स थे।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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