चेन्नई, मद्रास उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के एक मामले में तमिलनाडु के ग्रामीण विकास मंत्री आई. पेरियासामी को आरोपमुक्त करने का भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विशेष न्यायालय का आदेश सोमवार को रद्द कर दिया और मंत्री को मुकदमे का सामने करने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने कहा कि यदि भ्रष्टाचार के मामलों का सामना करने वाले विधायक और मंत्री आपराधिक मुकदमों को जल्द से जल्द निपटाने लगें, तो आपराधिक न्याय की वैधता खत्म हो जाएगी और जनता का विश्वास डगमगा जाएगा। न्यायाधीश ने कहा कि जनता को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि इस राज्य में किसी नेता के खिलाफ मुकदमा आपराधिक न्याय प्रणाली का मजाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं है।
न्यायाधीश ने कहा कि संविधान के तहत एक संवैधानिक अदालत यह सुनिश्चित करने के लिए कर्तव्यबद्ध है कि ऐसी चीजें न हों। यह मामला 2006 से 2011 के बीच द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की पिछली सरकार के दौरान तमिलनाडु आवासीय बोर्ड के तहत एक आवास के आवंटन को लेकर मंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है।
न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश ने कहा कि तमिलनाडु के निर्वाचित संसद सदस्यों और विधानसभा सदस्यों से संबंधित आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए अतिरिक्त विशेष अदालत को 26 मार्च या उससे पहले – आज से एक महीने के अंदर सुनवाई फिर से शुरू करनी चाहिए।
न्यायाधीश ने कहा कि निचली अदालत जहां तक संभव हो, दिन-प्रतिदिन सुनवाई करेगी और 31 जुलाई, 2024 तक सुनवाई पूरी कर लेगी।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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