मुझे ऐसी भाषा में बात करना पसंद नहीं जिसमें मैं सहज नहीं हूं : पंकज त्रिपाठी

कोलकाता, अभिनेता पंकज त्रिपाठी का कहना है कि उन्हें किसी ऐसी भाषा में फिल्म या शो करना पसंद नहीं है, जिसमें वह सहज महसूस नहीं करते हैं।

वेब सीरीज़ ‘‘मिर्ज़ापुर’’, ‘‘स्त्री’’, ‘‘गुड़गांव’’ और ‘‘लूडो’’ जैसी फिल्मों में अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवा चुके त्रिपाठी ने कहा कि वह अन्य भाषा की फिल्म में अपनी आवाज़ के लिए किसी अन्य अभिनेता से डबिंग करवाने के पक्ष में नहीं हैं।

पंकज त्रिपाठी (45) ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा ‘‘मुझे ऐसी भाषा में बात करने का विचार पसंद नहीं है, जिसमें मैं किसी भी फिल्म या वेब सीरीज़ में सहज महसूस नहीं करता। मैं अपने डायलॉग को किसी और से बुलवाए जाने के पक्ष में नहीं हूं। मेरा अभिनय और भाव मेरी आवाज़ के पूरक हैं अन्यथा मेरी भूमिका वहां अधूरी है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कभी बंगाली फिल्म में काम करेंगे, त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें बंगाली भाषा की समझ है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।

अभिनेता वर्तमान में फिल्म निर्माता श्रीजीत मुखर्जी की ‘‘शेरदिल: द पीलीभीत सागा’’ से सुर्खियां बटोर रहे हैं। फिल्म देशभर के सिनेमाघरों में शुक्रवार को रिलीज होगी।

फिल्म की कहानी पीलीभीत बाघ अभ्यारण्य की सच्ची घटनाओं से प्रेरित है, जहां लोग अपने परिवार के बुजुर्ग सदस्यों को बाघों के शिकार के लिए छोड़ देते और फिर प्रशासन से मुआवजे का दावा करते थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या ‘‘शेरदिल’’ में काम करने से उन्हें पर्यावरण संरक्षण के बारे में अधिक जानकारी मिली, त्रिपाठी ने कहा कि वह हमेशा प्रकृति से जुड़े रहे हैं।

बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव के रहने वाले त्रिपाठी ने कहा कि ‘‘शेरदिल’’ में गंगाराम का किरदार पर्दे पर निभाने के लिए मुश्किल किरदार नहीं था।

भूषण कुमार और रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित ‘‘शेरदिल: द पीलीभीत सागा’’ में अभिनेता नीरज काबी और अभिनेत्री सयानी गुप्ता भी हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: