काहिरा, संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों ने शुक्रवार को कहा कि यमन में पांच साल से कम उम्र के 20 लाख से अधिक बच्चे कुपोषण के शिकार हो सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी पक्षों से वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त करने का अनुरोध किया।
युद्ध के चलते अरब जगत का सबसे गरीब देश यमन अकाल के मुहाने पर पहुंच गया है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि प्रति छह में से एक बच्चे (23 लाख में से चार लाख) की इस साल घोर कुपोषण के चलते मौत होने का खतरा है, जो बीते साल के अनुमान से कहीं अधिक है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोष के अभाव के चलते यमन में मानवीय कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि दानदाता देश अपने वादों को ठीक तरह निभाने में विफल रहे हैं।
इस रिपोर्ट में संकट की भयावहता का जिक्र करते हुए कहा गया है कि यमन में करीब 12 लाख गर्भवती अथवा स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी इस साल कुपोषण का शिकार हो सकती हैं।
संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों-विश्व खाद्य कार्यक्रम, खाद्य एवं कृषि संगठन, यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से जारी रिपोर्ट में ये बातें कही हैं।
यमन की राजधानी सना और देश के अधितकर उत्तरी इलाके पर 2014 में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया था, जिनके खिलाफ सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने लड़ाई शुरू की थी, जो अब भी जारी है।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया