यूरोपीय संघ-चीन शिखर वार्ता में यूक्रेन युद्ध प्रमुख मुद्दा, चीन ने प्रतिबंधों को खारिज किया

ब्रसेल्स, चीन ने रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की शुक्रवार को फिर से आलोचना की। वहीं, यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारी बीजिंग से आश्वासन चाहते हैं कि वह यूक्रेन पर हमले के चलते लगाए गए प्रतिबंधों की स्थिति में रूस की मदद नहीं करेगा।

चीन के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में युद्ध के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सैन्य गठबंधन के रूस की सीमाओं के पास विस्तार करने की अमेरिका की कोशिशों को भी जिम्मेदार ठहराया। यूरोपीय संघ (ईयू) के 27 में से 21 देश नाटो के सदस्य हैं।

डिजिटल माध्यम से हो रही शिखर वार्ता में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स माइकल, आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन और यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल युद्ध को समाप्त करवाने के लिए चीनी राष्ट्रपति और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग से मदद के लिए कहेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने रोजाना के संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चीन पाबंदियों के जरिए समस्याओं को सुलझाने के तरीके को खारिज करता है और हम एकतरफा प्रतिबंधों का भी विरोध करते हैं।’’

झाओ ने कहा कि जहां तक यूक्रेन की बात है तो चीन को ‘‘कोई एक पक्ष चुनने या दोस्त या दुश्मन जैसा सरल रुख अपनाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। हम खासतौर से शीत युद्ध की विचाराधारा का विरोध करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन संकट को बढ़ाने का दोषी अमेरिका 1999 के बाद से पिछले दो दशकों में पूर्वी क्षेत्र में नाटो के विस्तार की कई कोशिशें कर चुका है।’’ झाओ ने कहा कि नाटो के सदस्यों की संख्या 16 से बढ़कर 30 हो गई और एक तरह से रूस की घेराबंदी की गई।

चीन ने कहा कि वह इस संघर्ष में किसी का पक्ष नहीं ले रहा है लेकिन इसे रूस के साथ एक ‘असीमित’ साझेदारी घोषित की है और रूसी आक्रमण की निंदा करने से इनकार कर दिया है।

सम्मेलन के प्रथम सत्र के बाद एक प्रेस विज्ञप्ति में ली के हवाले से चीन-ईयू संबंधों के महत्व का जिक्र करते हुए कहा गया कि दोनों पक्ष एक दूसरे के लिए खुले रहेंगे, क्रमिक रूप से बाजार तक पहुंच बढ़ाएंगे और कारोबार बढ़ाएंगे तथा निवेश उदारीकरण एवं संवर्द्धन करेंगे।

ली को उद्धृत करते हुए कहा गया, ‘‘चीन उम्मीद करता है कि ईयू चीनी कारोबारी निवेश को यूरोप में फलने फूलने के लिए अच्छा कारोबारी माहौल उपलब्ध कराएगा। ’’

इस शिखर वार्ता से पहले यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा कि वे उन संकेतों पर भी गौर करेंगे, जिस पर बीजिंग यूक्रेन में युद्ध खत्म करने पर सहयोग करने के लिए तैयार है।

यह शिखर वार्ता ऐसे वक्त में हो रही है जब यूरोपीय संघ में चीन के प्रति नकारात्मक भावना तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे चीन की बढ़ती आक्रामक विदेश नीतियां और व्यापार के तौर-तरीके शामिल हैं।

यूरोपीय परिषद अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासतौर पर चीन और ईयू की यह एक परस्पर जिम्मेदारी है कि वे अपने संयुक्त प्रभाव एवं कूटनीति का उपयोग यूक्रेन में रूस के युद्ध को खत्म करने के लिए करें।’’

यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने उल्लेख किया है कि चीन के कुल व्यापार का 13.7 प्रतिशत ईयू के साथ और 12 प्रतिशत अमेरिका के साथ होता है, जबकि रूस के साथ यह केवल 2.4 प्रतिशत है।

इसके अलावा यूरोपीय संसद के सदस्यों पर चीन के यात्रा प्रतिबंध, यूरोपीय संघ के सदस्य लिथुआनिया के ताइवान के साथ संबंधों को लेकर बीजिंग द्वारा उसका आर्थिक बहिष्कार करने, बाधित निवेश समझौते के भविष्य और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के शासन में नागरिक और राजनीतिक अधिकारों समेत अन्य विषयों पर भी बातचीत होगी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://www.flickr.com/photos/friendsofeurope/7163564106

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