राजीव गांधी उद्यान का नाम बदलना राजनीतिक प्रतिशोध का कदम : रिपुन बोरा

नयी दिल्ली, कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रिपुन बोरा ने राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलने के असम सरकार के कदम को राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इसका नाम फिर से पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर रखा जाना चाहिए।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा को लिखे पत्र में बोरा ने कहा कि इतिहास पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को सदैव याद रखेगा जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये।

उनके मुताबिक, असम की जनता भी राजीव गांधी को 1985 के ऐतिहासिक असम समझौते के लिए याद रखेगी।

बोरा ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के कार्यकाल के दौरान असम की सरकार ने ओरांग राष्ट्रीय उद्यान का नाम राजीव गांधी के नाम पर करने का फैसला किया था और यह एक महान नेता के प्रति सम्मान में किया गया था। उन्होंने कहा कि इस उद्यान का नाम राजीव गांधी के नाम पर करने के बाद से इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।

गौरतलब है कि गत एक सितंबर को असम की सरकार ने इस उद्यान का नाम फिर से ओरांग राष्ट्रीय उद्यान करने का फैसला किया।

बोरा ने कहा कि यह कदम राजनीतिक प्रतिशोध में उठाया गया है और उद्यान का नाम फिर से राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘असम सरकार के इस फैसले से राज्य की जनता को गहरी पीड़ा हुई है। उद्यान का नाम बदलने से असम के विकास में कोई फायदा नहीं होगा बल्कि इससे, देश के लिए अपनी जान देने वाले एक महान नेता के प्रति असम्मान जाहिर होता है।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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