बीजद के समर्थन के बाद राष्ट्रपति पद की राजग उम्मीदवार मुर्मू की जीत की राह हुई आसान

नयी दिल्ली, ओड़िशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किए जाने की घोषणा के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव में केंद्र में सत्ताधारी गठबंधन की जीत की राह आसान हो गई है। इसके साथ ही देश को पहली आदिवासी और सबसे युवा राष्ट्रपति मिलने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है।

बीजद द्वारा मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा के बाद राजग को कुल मतों में से 52 प्रतिशत से अधिक मत मिलना तय माना जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में कुल मत 10, 86, 431 हैं। राजग के खाते में अब 5,67,000 मत आने के आसार हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ओर उसके सहयोगी दलों के सांसदों के 3,08,000 मत भी शामिल हैं। निर्वाचक मंडल में बीजद के कुल 32,000 मत हैं जो कि कुल मत का 2.9 प्रतिशत हिस्सा है।

बीजद के पास 147-सदस्यीय ओड़िशा विधानसभा में 114 विधायक हैं जबकि भाजपा के 22 विधायक हैं। संसद के दोनों सदनों में बीजद के 12-12 सदस्य हैं।

भाजपा को उम्मीद है कि राजग के उम्मीदवार को वाईएसआर कांग्रेस और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) जैसे कुछ क्षेत्रीय दलों का समर्थन भी मिल सकता है।

राज्यसभा के हाल के द्विवार्षिक चुनाव के बाद उच्च सदन में €भाजपा के सदस्यों की कुल संख्या 92 हो गई है जबकि लोकसभा में उसके 301 सदस्य हैं।

उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा की शानदार जीत से भी राजग उम्मीदवार की जीत की संभावनाओं को बल मिला हैं। किसी अन्य राज्य के मुकाबले उत्तर प्रदेश के विधायकों के मत का मूल्य सर्वाधिक है।

हालांकि 2017 के राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले इस बार के चुनाव में राजग के विधायकों की संख्या कम है। हालांकि उसके सांसदों की संख्या बढ़ गई है।

बहरहाल, भाजपा ने मंगलवार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में झारखंड की पूर्व राज्यपाल मुर्मू का नाम घोषित कर सभी को चौंका दिया था। मुर्मू यदि चुनाव जीत जाती हैं तो वह रामनाथ कोविंद का स्थान लेंगी।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक संसद के दोनों सदनों के कुल 776 सदस्यों में भाजपा के कुल 393 सदस्य हैं। इनमें राज्यसभा के चार मनोनीत सदस्य शामिल नहीं हैं क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में वे मतदान नहीं कर सकते।

जनता दल (यूनाईटेड) के 21 सांसदों के अलावा राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, अपना दल और पूर्वोत्तर के क्षेत्रीय व सहयोगी दलों के सांसदों की सदस्य संख्या को जोड़ लिया जाए तो भाजपा उम्मीदवार और मजबूत स्थिति में पहुंच जाती हैं।

राज्यसभा व लोकसभा के सदस्यों के वोट का मूल्य 700 हैं। राज्यों में कुल 4033 विधायक हैं। राज्य के हिसाब से इन विधायकों का मत निर्धारित है।

लोकसभा की तीन सीटों पर उपचुनावों और राज्यसभा की 16 सीटों के लिए हुए चुनावों के परिणामों के बाद निर्वाचकों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।

चौंसठ वर्षीय मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। वह झारखंड की पहली राज्यपाल थीं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।

विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को संयुक्त उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में 18 जुलाई को मतदान होना तय है। मतगणना 21 जुलाई को होगी।

राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं।

राज्यसभा और लोकसभा या राज्यों की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं, इसलिए, वे चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं होते। इसी तरह, विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता नहीं होते हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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