राहुल की पारी पर भारी पड़े बेयरस्टॉ और स्टोक्स, इंग्लैंड की बड़ी जीत

पुणे, सलामी बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टॉ और आलराउंडर बेन स्टोक्स ने अपनी तूफानी पारियों से केएल राहुल के शतकीय प्रयास पर पानी फेरने के साथ ही इंग्लैंड को भारत के खिलाफ बड़े स्कोर वाले दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में शुक्रवार को यहां 39 गेंद शेष रहते हुए छह विकेट से जीत दिलायी।

भारत ने पहले बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित किये जाने के बाद छह विकेट पर 336 रन का बड़ा स्कोर बनाया था लेकिन इंग्लैंड के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने इसे बौना साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विश्व चैंपियन इंग्लैंड ने 43.3 ओवरों में चार विकेट पर 337 रन बनाकर तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर की।

बेयरस्टॉ (111 गेंदों पर 124) और स्टोक्स (52 गेंदों पर 99) ने छक्कों की बरसात करके भारतीय गेंदबाजों को निष्प्रभावी किया। बेयरस्टॉ ने अपनी पारी में 11 चौके और सात छक्के लगाये। स्टोक्स शतक से चूक गये लेकिन उनके चार चौकों और दस छक्कों ने मैच का पासा पलटने में अहम भूमिका निभायी। इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिये 114 गेंदों पर 175 रन की साझेदारी की थी।

बेयरस्टॉ ने इससे पहले जैसन रॉय (52 गेंदों पर 55) के साथ पहले विकेट के लिये 110 रन जोड़े थे। नौ गेंद के अंदर तीन विकेट गंवाने के बाद लियाम लिविंगस्टोन (नाबाद 27) और डाविड मलान (नाबाद 16) ने इंग्लैंड को लक्ष्य तक पहुंचाया।

इससे पहले भारतीय पारी का आकर्षण राहुल की 114 गेंदों पर 108 रन की पारी रही जिसमें सात चौके और दो छक्के शामिल हैं। उन्होंने कोहली (79 गेंदों पर 66) के साथ तीसरे विकेट के लिये 121 रन जोडकर पारी संवारी। ऋषभ पंत ने 40 गेंदों पर तीन चौकों और सात छक्कों की मदद से 77 रन बनाये तथा राहुल के साथ चौथे विकेट के लिये 113 रन की साझेदारी की। हार्दिक पंड्या ने 16 गेंदों पर 35 रन का योगदान दिया।

इंग्लैंड की जीत के बाद अब तीसरा मैच निर्णायक बन गया है जो इसी मैदान पर रविवार को खेला जाएगा।

भारतीय तेज गेंदबाजों ने अपना प्रभाव छोड़ा लेकिन दोनों स्पिनर कुलदीप यादव और क्रुणाल पंड्या नाकाम रहे। इन दोनों ने 16 ओवरों में 156 रन लुटाये। प्रसिद्ध कृष्णा ने 58 देकर दो जबकि भुवनेश्वर कुमार ने 63 रन देकर एक विकेट लिया। हार्दिक ने गेंदबाजी नहीं की।

बेयरस्टॉ और रॉय ने फिर से इंग्लैंड को अच्छी शुरुआत दिलायी। ये दोनों छक्के जड़कर 50 रन के पार पहुंचे लेकिन रोहित शर्मा के शानदार क्षेत्ररक्षण के कारण रॉय को रन आउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा। उन्होंने अपनी पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया।

स्टोक्स ने तीसरे नंबर के बल्लेबाज के अनुकूल जिम्मेदारी दिखायी। बीच में रन आउट की अपील पर उन्हें संदेह का लाभ मिला। तीसरे अंपायर ने कई कोण से देखने के बाद उन्हें नाबाद करार दिया।

पिछले मैच में शतक से चूकने वाले बेयरस्टॉ ने कुलदीप पर मिडविकेट पर छक्का लगाकर अपना 11वां वनडे शतक पूरा किया। कुलदीप ने निराश किया और 10 ओवरों में 84 रन लुटाये। स्टोक्स ने उन पर लगातार तीन छक्के जड़े।

दूसरे स्पिनर क्रुणाल पंड्या भी नहीं चल पाये जिससे भारत की परेशानी बढ़ी। स्टोक्स ने उनके अगले ओवर में भी तीन छक्के लगाये। इस तरह से दो ओवर में 48 रन गंवाने से भारत की उम्मीदों पर पानी फिर गया। भारत ने 31वें से 35वें ओवर के बीच 85 रन लुटाये।

ऐसे में भुवनेश्वर ने गेंद संभाली और स्टोक्स को पंत के हाथों कैच कराकर उन्हें शतक से वंचित किया। प्रसिद्ध कृष्णा ने अगले ओवर में बेयरस्टॉ और कार्यवाहक कप्तान जोस बटलर (शून्य) को आउट किया, लेकिन अपना पहला मैच खेल रहे लिविंगस्टोन ने भुवनेश्वर पर लगातार दो छक्के जड़कर हिसाब बराबर कर दिया।

इससे पहले भारत ने अंतिम 10 ओवरों में 126 रन जोड़े। यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि कोहली और राहुल ने टीम को शुरुआती झटकों से उबारकर बाद के बल्लेबाजों के लिये अच्छी नींव तैयार कर दी थी। भारत ने अपने दोनों सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (चार) और रोहित शर्मा (25) के विकेट जल्दी गंवा दिये थे।

कोहली ने विकेटकीपर बटलर से मिले जीवनदान का फायदा उठाकर वनडे में अपना 62वां और लगातार चौथा अर्धशतक पूरा किया लेकिन उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 71वें शतक का इंतजार खत्म नहीं हुआ। राशिद की गेंद पर कट करने के प्रयास में उन्होंने बटलर को कैच दिया। कोहली ने अपनी पारी में तीन चौके और एक छक्का लगाया।

राहुल ने नपे तुले शॉट लगाये और सहजता से अपनी पारी आगे बढ़ायी जबकि पंत दो अवसरों में डीआरएस के सहारे क्रीज पर टिके रहे। पहली बार अंपायर का फैसला पलटने के बाद उन्होंने बेन स्टोक्स पर दो छक्के लगाये और दूसरी बार टॉम करेन पर छक्का और चौका जड़कर केवल 28 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया।

राहुल ने अपना पांचवां वनडे शतक पूरा करने के बाद आलोचकों को चुप रहने का संदेश भी दिया। यह पिछले एक साल से भी अधिक समय में किसी भारतीय का वनडे में पहला शतक है। वह इसके बाद तुरंत बाद हालांकि लंबा शॉट खेलने के प्रयास में पवेलियन लौट गये।

पंत ने सीमा रेखा पर कैच थमाने से पहले अपने सातवें छक्के से भारत का स्कोर 300 रन के पार पहुंचाया और वनडे में अपना सर्वोच्च स्कोर भी पार किया। हार्दिक ने भी इस बीच उनके साथ छक्के जड़ने में अपना योगदान दिया।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: