लठमार होलीः बरसाना में फुहारों के बीच हुरियारो पर बरसी लाठियां, अलौकिक आनंद में डूबे श्रद्धालु

फाल्गुन शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन यानि मंगलवार को मथुरा जनपद के बरसाना कस्बे में एक बार फिर कृष्णयुगीन होली का वह अलौकिक दृश्य देखने को मिला जब लठमार होली खेलने के लिए नंदगांव से हुरियारे यहां पहुंचे। गली से गुजरती राधारानी और उनकी सखियों ने ठिठोली पर कृष्ण और उनके सखाओं की प्रेम में पगी लाठियों से खबर ली।

रिमझिम फुहारों के बीच इस दौरान जमकर अबीर-गुलाल भी उड़ा।

बरसाना के गोस्वामी समाज के आमंत्रण पर नन्दगांव के हुरियारे धोती-कुर्ता पहनकर सिर पर साफा, कमर में पटका बांधे बरसाना के लाड़िली जी के मंदिर पहुंचे। पहले तो उन्होंने राधारानी के दर्शन किए, फिर करीब 600 फुट ऊॅंचे ब्रह्मांचल पर्वत से नीचे उतर कर गलियों में पहुचे तो वहां मौजूद सखियों से ठिठोली करने लगे। पहले तो राधारानी की सखियां बनीं बरसाना के गोस्वामी समाज की हुरियारिनों ने उनका जवाब उन्हीं के समान दिया लेकिन जब हुरियारों ने कुछ ज्यादा ही ठिठोली की तो हुरियारिनों ने लट्ठ बजाने शुरु कर दिए।

पहली बार बरसाना की लठामार होली देखने पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए यह दृश्य बेहद अद्भुत था। उन्होंने सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि उन्हें ऐसी भी होली देखने को मिलेगी जहां रंगों के साथ-साथ लट्ठ भी खाने पड़ते हैं।

रंग-गुलाल के साथ-साथ मानो इंद्रदेव भी होली खेलने धरती पर उतर आए थे। काली घटाएं घिर आई और चारों ओर से रिमझिम फुहारों ने होली के आनंद को कई गुना बढ़ा दिया।

देश-विदेश से आए हजारों-हजार श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए छिटपुट परेशानियों के बावजूद यह दिन अविस्मरणीय बन गया। उन्हें सजी-धजी हुरियारिनों के मुख से प्यार भरी गालियां और हाथों में लिए लट्ठों की मार का ऐसा दृश्य कभी देखने को नहीं मिला था। बरसाना में राधारानी की सखियों के चेहरे पर उल्लास था। आज नन्दगांव से कान्हा के सखा होली खेलने जो आए थे।

बरसाना के लोग भी इस दिव्य लीला के लिए कई दिनों से तैयारियों में जुटे हुए थे। इससे पहले जब दोपहर में श्रीकृष्ण के प्रतीक स्वरूप नन्दबाबा के मंदिर से ध्वज लिए नन्दगांव के हुरियारों की टोली बरसाना के प्रियाकुण्ड पर पहुंची तो उसका बरसानावासियों ने जोरदार स्वागत किया। उन्हें कलेऊ के साथ ठण्डाई पिलाई गई। इसके बाद उन्होंने पहले राधारानी के दर्शन किए और फिर होली में भाग लिया।

इस मौके पर शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कड़ी व्यवस्था की गई थी। जिला प्रशासन के सभी आला अधिकारी मौके पर मौजूद थे। कुछ ऐसा ही आनंद बुधवार को नन्दगांव में आएगा जहां हुरियारिनें नन्दगांव की होंगी और हुरियारे बरसाना के होंगे। क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikipedia

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