वैटिकन ने लिंग परिवर्तन सर्जरी और सरोगेसी को मानव गरिमा के लिए गंभीर खतरा बताया

वैटिकन सिटी  वैटिकन ने लिंग परिवर्तन सर्जरी और किराये की कोख (सरोगेसी) को मानव गरिमा के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि ये मानव जीवन के लिए ईश्वर की योजना का उल्लंघन करने वाले गर्भपात एवं इच्छा-मृत्यु के बराबर हैं।          

सिद्धांत कार्यालय  वैटिकन ने 20 पृष्ठ की  अनंत गरिमा  नामक घोषणा जारी की जिस पर पांच साल से काम चल रहा है। हाल के महीनों में पर्याप्त संशोधन के बाद  इसे 25 मार्च को पोप फ्रांसिस द्वारा अनुमोदित किया गया  जिन्होंने इसके प्रकाशन का आदेश दिया।     

वैटिकन ने इसमें  लिंग सिद्धांत  या इस विचार को अस्वीकार किया कि किसी व्यक्ति का लिंग बदला जा सकता है।            घोषणा में कहा गया कि ईश्वर ने पुरुष और स्त्री को जैविक रूप से अलग-अलग प्राणियों के रूप में बनाया है तथा भगवान की इस योजना के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए या  खुद को भगवान बनाने  की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।  

इसने कहा कि लिंग परिवर्तन सर्जरी और सरोगेसी मानव गरिमा के लिए गंभीर खतरा हैं तथा ये मानव जीवन के लिए ईश्वर की योजना का उल्लंघन रकने वाले गर्भपात और इच्छा-मृत्यु के बराबर हैं।    यह दस्तावेज़ अमेरिका सहित कुछ देशों में ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ हो रही कुछ प्रतिक्रियाओं के समय आया है। अमेरिका में रिपब्लिकन नीत राज्य विधानसभाएं ट्रांसजेंडर युवाओं और कुछ मामलों में वयस्कों के लिए चिकित्सा देखभाल को प्रतिबंधित करने वाले विधेयकों पर विचार कर रही हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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