श्रीलंका में कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के नये प्रकार का पता चला

कोलंबो, श्रीलंका में शुक्रवार को कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के नये प्रकार बी.1.617.2.एवाई 104 का पता चला, जो इस देश में सामने आया कोरोना वायरस का तीसरा उत्परिवर्तित स्वरूप है।

सार्स-सीओवी-2 का डेल्टा (बी.1.617.2) स्वरूप अत्यंत संक्रामक है और दुनियाभर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के पीछे मुख्य कारण है और यहां तक कि बड़ी संख्या में टीका लगवा चुकी आबादी पर भी इसके प्रभाव दिखाई दिये हैं।

हालांकि, इसके उप-प्रकार ‘एवाई 104’ की संक्रमण क्षमता का अभी पता नहीं चला है। अधिकारियों ने कहा कि इसके नमूनों को आगे विश्लेषण के लिए हांगकांग की प्रयोगशालाओं में भेजा गया है।

श्री जयवर्द्धनेपुरा विश्वविद्यालय में अनुसंधानकर्ताओं ने ‘एवाई 104’ का पता लगाया। सरकारी विश्वविद्यालय के आण्विक और कोशिका जीव विज्ञान विभाग में निदेशक डॉ चंदिमा जीवादरा ने कहा कि नये उत्परिवर्तन के सामने आने के बाद देश में अब तक वायरस के तीन स्वरूप सामने आ चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पहला स्वरूप बी.411 था, जो मूल सार्स-सीओवी-2 वायरस का प्रकार है। दूसरा बी.1.617.2.एवाई 28 था और अब यह तीसरा स्वरूप आया है।’’

उन्होंने कहा कि यह गौर करने की बात है कि नया स्वरूप उत्तर, उत्तर-मध्य और दक्षिणी प्रांतों में सामने आया है। अन्य स्वरूप पश्चिमी प्रांत (राजधानी कोलंबो) में सामने आये।

इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उत्तर-मध्य तथा दक्षिणी प्रांतों में कोविड-19 के प्रभाव वाले नये केंद्र बनने की चेतावनी दी है।

स्वास्थ्य सेवा के उप महानिदेशक डॉ हेमंत हेरथ ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने की वजह से यह हुआ है। बिना नियमों के समारोह आयोजित किये गये।’’

स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुकवेला ने कहा कि 16 साल से अधिक उम्र की 75 प्रतिशत से अधिक आबादी और कुल आबादी के 61.8 प्रतिशत हिस्से ने कोविड-19 रोधी टीकों की दोनों खुराक ले ली है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

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