बलिया (उत्तर प्रदेश), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बृहस्पतिवार को अपने ‘साथी दल’ समाजवादी पार्टी (सपा) पर मुस्लिम समाज को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का डर दिखाकर उनका वोट लेने और उसे उसका हक नहीं देने का आरोप लगाया।
सपा से नाराज राजभर ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में आरोप लगाते हुए कहा ‘सपा मुस्लिम समाज को भाजपा का डरा दिखाकर उनका वोट ले लेती है, मगर जब मुस्लिम समाज को हक देने का समय आता है तो वह मुंह मोड़ लेती है।’ उन्होंने सवाल किया ‘सपा प्रमुख अखिलेश यादव की वर्ष 2012 से 2017 के बीच रही सरकार में पुलिस विभाग में भर्ती हुई थी। उसमें मुस्लिम समाज को उनकी हिस्सेदारी के लिहाज से 20 प्रतिशत नौकरियां मिलनी चाहिए थी। क्या सपा के नेता स्पष्ट करेंगे कि कितने फीसद मुस्लिम युवकों को पुलिस में नौकरी मिली?’ राजभर ने अखिलेश यादव की पूर्ववर्ती सरकार पर हमला करते हुए कहा कि तब रंगदारी वसूली से आम लोग भयाक्रांत रहा करते थे।
उन्होंने दावा किया कि पिछले माह आजमगढ़ लोकसभा के उपचुनाव के दौरान वोट मांगते समय मतदाताओं ने उनसे कहा था कि वे ऐसे दल को क्यों वोट दें, जिसके शासन में वे सुरक्षित नहीं रह सकते।
गौरतलब है कि सुभासपा ने इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिल कर लड़ा था और उसे छह सीटों पर जीत मिली थी। मगर इस चुनाव के बाद से ही दोनों दलों के बीच तल्खियां बढ़ने लगी थीं। पिछले माह आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा के उपचुनाव में सपा की पराजय के बाद राजभर ने सपा प्रमुख के खिलाफ और खुलकर बोलना शुरू कर दिया और उन्हें वातानुकूलित कमरों में बैठकर राजनीति करने वाला नेता बताया था।
राजभर ने सपा और बहुजन समाज पार्टी को साथ मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का सुझाव भी दिया, जिसे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि उनकी पार्टी को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है।
सपा और सुभासपा के बीच दूरियां उस वक्त और भी बढ़ गयीं, जब राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की प्रेस कांफ्रेंस में ‘खुद को नहीं बुलाये जाने’ से नाराज राजभर ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी के विधायक भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देंगे।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Twitter