नयी दिल्ली, भारत ने बुधवार को मध्य एशियाई फ्लाईवे (सीएएफ) से संबंधित 29 अन्य देशों के साथ एक बैठक में कहा कि समन्वित सूचना साझा करने से प्रवासी पक्षियों के आवासों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया जा सकता है।
प्रवासी पक्षियों के संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों को मजबूती प्रदान करने के लिए सीएएफ से संबंधित 30 देशों की दो दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई। बैठक में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जोर दिया कि प्रवासी पक्षी उस पारिस्थितिकीय तंत्र में एक आवश्यक और अनिवार्य भूमिका निभाते हैं जिसमें वे रहते हैं और यात्रा करते हैं।
यादव ने एक डिजिटल बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जोर दिया कि यात्रा के दौरान प्रवासी पक्षियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आवासों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन समन्वित सूचना साझा कर किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में पक्षियों की 11,000 प्रजातियों में से पांच में से करीब एक प्रजाति एक से दूसरी जगह प्रवास करती है। उनमें से कुछ बहुत लंबी दूरी तय करती हैं तथा प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए देशों और राष्ट्रीय सीमाओं के बीच सहयोग और समन्वय की आवश्यकता है।
यादव ने ट्वीट किया कि भारत ने मध्य एशियाई फ्लाईवे के साथ प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए एक राष्ट्रीय कार्ययोजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि ‘सीओपी13’ के अध्यक्ष के रूप में भारत सीएएफ रेंज देशों के सक्रिय सहयोग से प्रवासी पक्षियों के संरक्षण को एक नया प्रतिमान देना चाहता है।
भारत के अलावा, सीएएफ से संबंधित अन्य देशों में अफगानिस्तान, आर्मेनिया, बहरीन, बांग्लादेश, भूटान, चीन, ईरान, इराक, कुवैत, मालदीव, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, ओमान, पाकिस्तान, कतर, रूस, सऊदी अरब, श्रीलंका, ब्रिटेन, यमन आदि शामिल हैं।
मध्य एशियाई फ्लाईवे आर्कटिक और हिंद महासागरों के बीच यूरेशिया के एक बड़े क्षेत्र को कवर करता है। इसमें पक्षियों के कई महत्वपूर्ण प्रवास मार्ग शामिल हैं।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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