सरकार ने विदेश निर्मित कोविड-19 टीकों के लिए मंजूरी की प्रक्रिया तेज की

नयी दिल्ली, भारत ने देश में कोविड-19 के मामले ‘‘सबसे अधिक’’ बढ़ने के बीच कोरोना वायरस टीकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए विदेश निर्मित टीकों को आपात इस्तेमाल मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी संदर्भ में देश में तीसरे टीके के तौर पर रूसी टीके ‘स्पूतनिक वी’ को मंजूरी दे दी गई और इससे टीकाकरण अभियान तेज करने में मदद मिलेगी।

इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को 14 अप्रैल से 15 दिनों के लिए राज्य में राज्यव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की। कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के मामले में महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। ठाकरे ने सोशल मीडिया के जरिये अपने संबोधन में कहा, ‘‘कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध एक बार फिर शुरू हो गया है। ’’ उनका यह संबोधन ऐसे दिन आया जिस दिन महाराष्ट्र में कोविड-19 के 60,212 नये मामले सामने आये और 281 और मरीजों की मौत हो गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार विदेशी टीके के पात्र निर्माताओं को भारत में स्थानीय क्लीनिकल ​​परीक्षण की आवश्यकता नहीं होगी। मंत्रालय की इस घोषणा से कुछ शर्तों के साथ फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन शॉट्स के टीकों के आयात का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सरकार ने फैसला किया है कि कोविड-19 के ऐसे टीकों को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी प्रदान की जा सकती है जो विदेश में विकसित और निर्मित हैं और जिन्हें अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन या जापान में नियामकों द्वारा सीमित इस्तेमाल के लिए आपात मंजूरी मिल चुकी है अथवा जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन आपात इस्तेमाल सूची में सूचीबद्ध किया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा कारणों से इस प्रकार के विदेश निर्मित टीकों के पहले 100 लाभार्थियों के स्वास्थ्य पर सात दिन नजर रखी जाएगी, जिसके बाद देश में टीकाकरण कार्यक्रम में इन टीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हम आशा करते हैं और हम टीका निर्माताओं जैसे कि फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और अन्य को आमंत्रित करते हैं…कि जल्द से जल्द भारत आने की तैयारी करें।’’

उन्होंने सरकार के कदम को एक महत्वपूर्ण कदम और एक उदार नियामक कदम करार दिया जो कि विदेश निर्मित टीकों तक पहुंच बढ़ाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि यह अंततः टीकों के थोक आयात के लिए दरवाजे खोलेगा।

वर्तमान में दो टीकों – भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन र भारत के सीरम इंस्टीट्यूट (एसआईआई) द्वारा निर्मित कोविशील्ड- का उपयोग भारत में टीकाकरण के लिए किया जा रहा है।

भारत के कोविड-19 के दूसरी लहर की चपेट में आने के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह स्पष्ट किया कि सरकार व्यापक स्तर पर ‘लॉकडाउन’ नहीं लगाएगी बल्कि स्थानीय तौर पर निषिद्ध उपाय अपनाएगी। विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मलपास के साथ एक आनलाइन बैठक में वित्त मंत्री ने यह बात कही।

‘रायसीना डायलॉग’ में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह कहते हुए कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए एकजुट वैश्विक प्रयास का आह्वान किया कि जब तक सभी इसके खिलाफ एकजुट नहीं होंगे, तब तक मानवजाति इसे पराजित करने में समर्थ नहीं होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अच्छी तरह समझते हैं कि मानव जाति इस महामारी को तब तक नहीं हरा पाएगी, जब तक हम सभी इसके खिलाफ एकजुट नहीं हो जाते। इसलिए कई बाधाओं के बावजूद हमने 80 से अधिक देशों को कोविड-19 रोधी टीके उपलब्ध कराए हैं।’’

सचिव भूषण ने कहा कि “मामलों में पिछली उच्चतम बढ़ोतरी” पहले ही पार हो गई है और ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है और यह चिंता का कारण है और यह कुछ ऐसा है जो वे लगातार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा करते हैं और उनकी अधिक प्रभावी तरीके से महामारी से निपटने में मदद करने की कोशिश करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले सर्वाधिक रोजाना मामले 94,372 सितंबर में आये थे, जो आज 1,61,736 प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच गया है।’’

भूषण के मुताबिक मौत के मामलों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लेकिन पिछली बार एक दिन में सबसे अधिक 1,104 मौतें हुई थीं यह वर्तमान में 879 मौतें हैं।

उन्होंने कहा कि सर्वाधिक चिंता वाले राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात आदि हैं।

उत्तर प्रदेश और दिल्ली में मंगलवार को कोविड-19 के एक दिन में सबसे अधिक क्रमश: 18,021 और 13,468 नए मामले सामने आये।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से कक्षा 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने और ऑनलाइन परीक्षा सहित वैकल्पिक तरीकों की संभावना तलाशने की की अपील की।

रूसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने कहा कि भारत में हर साल स्पूतनिक वी वैक्सीन की 85 करोड़ से अधिक खुराक तैयार होंगी। भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए स्पुतनिक वी के सीमित आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी है। भारत स्पुतनिक वी को मंजूरी देन वाला 60वां देश है।

आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रिव ने कहा कि रूसी वैक्सीन की प्रभावशीलता 91.6 प्रतिशत है और ये कोविड-19 के गंभीर मामलों में पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराती है, जैसा कि प्रमुख चिकित्सा पत्रिका द लैंसेट में प्रकाशित आंकड़ों से पता चलता है।’’

दिमित्रिव ने एक आनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘गर्मियों तक हम भारत में स्पूतनिक वी के एक महीने में पांच करोड़ खुराक या अधिक निर्माण करने की उम्मीद करते हैं।’’

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि पात्र विदेशी टीकों को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी जाएगी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस फैसले से इस प्रकार के विदेशी टीकों तक भारत की शीघ्र पहुंच सुनिश्चित होगी और इससे बड़ी मात्रा में दवा सामग्री समेत विभिन्न सामग्रियों के आयात को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे टीका निर्माण क्षमता और घरेलू इस्तेमाल के लिए टीकों की कुल उपलब्धता बढ़ेगी।’’

सरकार के फैसले के बारे में विस्तार से बताते हुए सचिव भूषण ने कहा कि इससे उन विदेशी टीकों के लिए एक सक्षम नियामकीय व्यवस्था बनी है, जिन्हें “विश्वसनीय विदेशी नियामकों” से मिल चुकी है।

प्रमुख दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज ने कहा कि उसे स्पूतनिक टीके को सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए भारत आयात करने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया से अनुमति मिल गई है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty images

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