सीईएसएल ने इलेक्ट्रिक बसों की निविदा के लिये न्यूनतम मूल्य निकाला

नयी दिल्ली, बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाले सार्वजनिक उपक्रम कन्वर्जेन्स एनर्जी सर्विसेज लि. (सीईएसएल) ने पांच बड़े शहरों में 5,450 इलेक्ट्रिक बसों को किराये पर लेने को लेकर न्यूनतम भाव तय किया है। इन बसों की कीमत डीजल बसों की परिचालन लागत के बराबर या उसके आसपास होगी।

बिजली मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में इस निविदा की दरों की जानकारी दी। सीईएसएल ने जनवरी में ‘ग्रांड चैलेंज’ निविदा जारी की थी। इसमें देश के पांच शहरों- कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और सूरत में 5,450 इलेक्ट्रिक बसों की मांग रखी गयी थी।

निविदा के तहत जो कीमतें सामने आईं, वह अब तक की सबसे कम दर है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन इलेक्ट्रिक बसों की परिचालन लागत डीजल बसों की परिचालन लागत के समरूप या उसके करीब है।

इस बयान के मुताबिक, 12 मीटर लंबी बस के लिये सबसे कम दर 43.49 रुपये प्रति किलोमीटर की है। वहीं नौ मीटर लंबी बस के लिये 39.21 रुपये प्रति किलोमीटर की दर सामने आई है। इसमें बसों को चार्ज करने पर आने वाली बिजली लागत भी शामिल है।

बिजली मंत्रालय ने कहा कि सामने आई कीमतें सार्वजनिक परिवहन के लिये एक मानक तय करेंगी और इससे छोटे शहर भी इलेक्ट्रिक बसों को अपनाने के लिये प्रेरित हो सकते हैं।

बयान के अनुसार इस निविदा का मूल्य 5,000 करोड़ रुपये से अधिक है। ये बसें 12 साल की अनुबंध अवधि में कुल 4.71 अरब किलोमीटर से अधिक सफर तय करेंगी। इससे 1.88 अरब लीटर जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल) की बचत होगी। परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।

बसों को केंद्र सरकार की फेम-2 (इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के तेजी से विनिर्माण और उसे अपनाना) योजना के तहत सब्सिडी का लाभ मिलेगा।

अनुबंध की मियाद 12 साल है। इस दौरान एक बस 10 लाख किलोमीटर चलेगी।

इस निविदा के जरिये 25,000 लोगों को रोजगार मिलेगा जिसमें 10 प्रतिशत महिलाएं होंगी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Twitter

%d bloggers like this: