सैन्य बल यह सुनिश्चित करते हैं कि युद्ध न हों : जनरल बाजवा

इस्लामाबाद/लंदन, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने शुक्रवार को कहा कि आज के दौर में सेना के अस्तित्व में होने का मुख्य कारण यह सुनिश्चित करना है कि युद्ध न हों।

बाजवा अभी ब्रिटेन के आधिकारिक दौरे पर हैं। उन्होंने प्रतिष्ठित रॉयल मिलिटरी एकेडमी सैंडहर्स्ट (आरएमएएस) की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। वह इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के पहले मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

बाजवा ने सैंडहर्स्ट में संप्रभु दिवस परेड को संबोधित करने का मौका देने के लिए ब्रिटेन का आभार जताया। उन्होंने इसे ‘पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच मौजूद गहरे संबंधों’ का प्रमाण करार दिया।

‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, पाक सेना प्रमुख ने कहा कि आज के दौर में सेना के अस्तित्व में होने की मुख्य वजह यह सुनिश्चित करना है कि युद्ध न हों।

उन्होंने कहा, “मानव जाति का भाग्य, पहले से कहीं अधिक, एकजुट होने और युद्ध के बजाय शांति एवं सहयोग, संघर्ष के बजाय संवाद और आत्म-संरक्षण के बजाय बहुपक्षवाद का मार्ग अपनाने की हमारी सामूहिक क्षमता पर निर्भर करता है।”

बाजवा ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के फलस्वरूप कृत्रिम मेधा (आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस/एआई) पर आधारित विशिष्ट क्षमताएं और दोहरे उपयोग वाली तकनीक भविष्य के युद्ध के चरित्र को मौलिक रूप से बदल रही हैं।

उन्होंने कहा, “अत्यधिक सटीकता, घातकता और पारदर्शिता भविष्य के युद्ध मैदान की विशेषता होगी। यह सैन्य नेतृत्व, विशेषकर युवा अधिकारियों के लिए मानसिक और शारीरिक, दोनों पहलुओं पर बेहद चुनौतीपूर्ण होगी।”

‘द डॉन’ के अनुसार, बाजवा ने ब्रिटेन और पाकिस्तान के घनिष्ठ संबंधों का भी जिक्र किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के रिश्ते भविष्य में ‘ऐतिहासिक स्तर’ पर पहुंचेंगे।

‘जियो न्यूज’ ने ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा कि बाजवा ने रॉयल मिलिटरी एकेडमी सैंडहर्स्ट के कमीशनिंग कोर्स-213 (सीसी-213) के लिए आयोजित संप्रभु दिवस परेड में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का प्रतिनिधित्व किया। इस कार्यक्रम में दर्जनों देशों के सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति रही।

परेड में बाजवा के साथ इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल इफ्तिखार बाबर भी सम्मिलित हुए।

बाजवा के लंदन में उनके प्रवास के दौरान ब्रिटेन के सैन्य नेतृत्व से भी मिलने की उम्मीद है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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