हेमंद सोरेन ने उद्योग जगत को दिया राज्य में निवेश का निमंत्रण, एक लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य

नयी दिल्ली, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को उद्योग जगत को राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन समेत विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिये आमंत्रित करते हुए विभिन्न प्रकार के राहत उपायों की पेशकश की।

झारखंड सरकार ने शुक्रवार से शुरू दो दिवसीय बैठक के जरिये एक लाख करोड़ रुपये के निवेश आकर्षित करने और 5 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखा है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य की औद्योगिक और निवेश संवर्धन नीति पेश की।

टाटा समूह के अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि वे राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का कारखाना क्यों नहीं लगा सकते। बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को यह जानकारी दी।

वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स का झारखंड के जमशेदपुर में पहले से एक कारखाना है।

टाटा समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में बातचीत राज्य की प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति और राज्य में समूह गतिविधियों के विस्तार पर केंद्रित रही। समूह जल्द ही इस संबंध में सुझाव देगा।

सोरेन ने उद्योगपतियों का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘हमारे पास अवसर की प्रतीक्षा में एक बड़ा कार्यबल है। हमारे पास हमारे राज्य में प्रचुर सुविधाएं हैं। झारखंड में, आबादी का एक बड़ा हिस्सा अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति का है। यदि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लोगों को रोजगार मिलता है, हम नीति में और प्रोत्साहन जोड़ेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ …आपके सहयोग से, हमारा राज्य ऊंचाइयों को छू सकता है। प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन नीति आपके सामने प्रस्तुत की गई है। यदि हम भविष्य की ओर देखते हैं तो मेरा मानना ​​​​है कि इलेक्ट्रिक वाहन भविष्य के वाहन हैं जहां काम करने की काफी गुंजाइश है।’’

मुख्यमंत्री की अगुवाई में झारखंड के प्रतिनिधिमंडल ने होंडा कार्स, मारुति सुजुकी और हुंदै मोटर्स के शीर्ष अधिकारियों के साथ भी बातचीत की। इसके अलावा राज्य प्रतिनिधिमंल ने डालमिया भारत सीमेंट लि., एनटीपीसी, सेल, गेल, वेदांता, टाटा स्टील, टाटापावर और टाटा संस के शीर्ष अधिकारियों से भी बातचीत की।

डालमिया सीमेंट ग्रुप ने राज्य में वाहन समेत विभिन्न क्षेत्रों में 500 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जतायी है।

झारखंड की उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने कहा, ‘‘हम कंपनियों को स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट प्रदान करने जा रहे हैं। साथ ही, कंपनियां अगर ईवी नीति पेश करने के बाद पहले दो साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में निवेश करने का वादा करती हैं, झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण ईवी नीति के तहत 50 प्रतिशत सब्सिडी पर भूमि प्रदान करेगा।’’

इसके अलावा उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये जीएसटी के मामले में सात साल के लिये 100 प्रतिशत प्रोत्साहन देने की घोषणा की। वहीं बड़ी और बहुत बड़े पैमाने वाले उद्योगों को 9 और 13 साल का प्रोत्साहन दिया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में वाहन पंजीकरण शुल्क से 100 प्रतिशत और सड़क कर से भी 100 प्रतिशत छूट होगी।

डालमिया सीमेंट समूह ने राज्य में वाहन सहित विभिन्न क्षेत्रों में 500 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई।

उद्योगपतियों को राज्य में इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर (आदित्यपुर), झारखंड इलेक्ट्रिक नीति 2021 और झारखंड एथनॉल नीति 2021 की प्रमुख प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी गई।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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