अग्निपथ योजना को लेकर अखिलेश और मायावती ने भाजपा पर निशाना साधा

लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने सेना में भर्ती संबंधी केंद्र की नयी योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर सोमवार को केन्द्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा।

सपा प्रमुख यादव ने दावा किया कि भाजपा सरकार का चतुर्दिक विरोध दर्शा रहा है कि पार्टी ने जनाधार खो दिया है। वहीं मायावती ने कहा कि देश की सुरक्षा व फौजी के आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान से जुड़ी योजना होने के बावजूद भाजपा नेतागण जिस प्रकार से इस बारे में अनाप-शनाप व अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वह घोर अनुचित है।

यादव ने सोमवार को ट्वीट किया “देश के युवाओं में वर्तमान के प्रति निराशा-हताशा और भविष्य के प्रति आशंका-असुरक्षा का भाव, देश के विकास के लिए घातक साबित होता है। सरकारों का दायित्व देश के वर्तमान को सुधारना व भविष्य को संवारना होता है।”

उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार का चतुर्दिक विरोध दर्शा रहा है कि भाजपा ने जनाधार खो दिया है।”

सपा प्रमुख ने एक अन्य ट्वीट में सरकार को सलाह दी ‘‘अग्निपथ’ की नीति सरकार ने बनायी है अतः सरकार व सत्ताधारी दल के प्रवक्ता किसी और को आगे न करें।’ इसी ट्वीट में उन्होंने कहा कि ‘अमीर उद्योगपतियों की आय की सुरक्षा से अधिक जरूरी है देश की सुरक्षा, इसीलिए जो भी बजट कम पड़ रहा है उसके लिए सरकार कॉरपोरेट पर अतिरिक्त कर लगाए परंतु देश की सुरक्षा के साथ समझौता न करे।’ सपा मुख्यालय से सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार अखिलेश यादव ने मांग की कि फौज में युवाओं के रोजगार की तमाम संभावनाएं हैं, फौज में उनकी संख्या में वृद्धि हो, इसलिए पहले जैसी सेना भर्ती प्रक्रिया लागू होनी चाहिए और नौजवानों की आशंकाओं का निराकरण किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि भाजपा देश के लिए सैन्य बल तैयार करने में रूचि रखती है या अपने भाजपा कार्यालयों के लिए सिक्योरिटी गार्ड की ट्रेनिंग दिलवाने की योजना लागू करने जा रही है।’

पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज किया कि ‘भाजपा सरकार देश को ‘जय जवान-जय किसान’ की जगह ‘रुष्ट जवान और रुष्ट किसान’ के बुरे हालात में ले आई है।’

अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदेश में युवा आंदोलित हैं और रविवार को गृह विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक प्रदेश में अग्निपथ योजना के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में राज्य के 14 जिलों में अब तक कुल 34 मुकदमे दर्ज किये गये हैं, जबकि 387 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया, “केन्द्र की अग्निपथ योजना देश की सुरक्षा व फौजी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान से जुड़ी है, इसके बावजूद भाजपा नेतागण जिस प्रकार से अनाप-शनाप व अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वह घोर अनुचित है।”

इसी ट्वीट में मायावती ने नसीहत दी “जनता में भ्रम व सेना के लिए मुश्किलें पैदा करने वाली संकीर्ण राजनीति तुरन्त बंद हों।”

बसपा प्रमुख ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा “ देश को अचंभित करने वाली नई सैन्य भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ , सरकार द्वारा नोटबंदी व तालाबंदी आदि की तरह ही, अचानक व काफी आपाधापी में थोपी जा रही है, जिससे प्रभावित होने वाले करोड़ों युवा व उनके परिवार वालों में खासा आक्रोश है। सरकार इनके प्रति भी अहंकारी रवैये से बचे।”

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 14 जून को ‘अग्निपथ योजना’ की घोषणा की जिसके तहत साढ़े 17 साल से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और उनमें से 25 फीसदी सैनिकों को अगले 15 और साल के लिए सेना में रखा जाएगा। हालांकि बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया।

इस नयी योजना के तहत भर्ती रंगरूटों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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