इस बार पद्म सम्मान पाने वालों की सूची में छत्तीसगढ़ के वैद्य हेमचंद मांझी भी

नयी दिल्ली, इस बार पद्म सम्मान के लिए छत्तीसगढ़ से जिन तीन लोगों को चुना गया है, उनमें नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के एक सुदूर गांव के 72 वर्षीय वैद्य हेमचंद मांझी भी शामिल हैं, जो जड़ी-बूटियों से मरीजों का इलाज करते हैं।

राज्य के अन्य दो लोगों में जशपुर के सामाजिक कार्यकर्ता जागेश्वर यादव (67) और राजगढ़ के कथक नर्तक राम बारेठ (87) शामिल हैं।  पद्म पुरस्कारों की घोषणा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बृहस्पतिवार को की गई थी। इस घोषणा के बाद, नारायणपुर में मांझी के घर पर नेताओं सहित आगंतुकों का तांता लग गया।

नक्सली धमकियों के बीच अपने पैतृक गांव छोटे डोंगर छोड़कर नारायणपुर में रह रहे मांझी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह पद्मश्री मिलने से बहुत खुश हैं। मांझी ने कहा, “बहुत पहले एलोपैथी बहुत लोकप्रिय नहीं थी और हमारे गांव और आसपास के इलाकों में डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। औषधीय पौधों की जानकारी मिलने के बाद, मैंने लोगों की सेवा शुरू कर दी। पहले मैं कोई फीस नहीं लेता था, लेकिन अब नाममात्र की राशि लेता हूं।”  त्रिपुरा के दो लोगों को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक प्रतिष्ठित पद्म श्री के लिए चुना गया है। इनमें शांति काली आश्रम के आध्यात्मिक नेता चित्त रंजन देबबर्मा अन्य-अध्यात्मवाद श्रेणी में सम्मानित किया गया है, जबकि स्मृति रेखा चकमा को कला श्रेणी में सम्मानित किया गया है।

देबबर्मा (65) ने शुक्रवार को वाराणसी से ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “पद्मश्री से सम्मानित होने पर मैं बहुत खुश हूं। यह त्रिपुरा के लिए भी गर्व का क्षण है।”  देबबर्मा अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने दोनों लोगों को इस सम्मान के लिए बधाई दी।  पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची में गुजरात के छह लोग शामिल हैं, जिनमें हृदय रोग विशेषज्ञ तेजस पटेल भी शामिल हैं। उन्हें पद्म भूषण सम्मान के लिए चुना गया है। पटेल के अलावा रघुवीर चौधरी, हरीश नायक, यज्दी इटालिया, जगदीश त्रिवेदी और डॉ. दयाल परमार को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है। अहमदाबाद में रहने वाले डॉ. पटेल प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ हैं और उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं के लिए 300 से अधिक शोध लेख लिखे हैं।

साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में मरणोपरांत पद्मश्री के लिए चुने गए हरीश नायक एक उपन्यासकार थे, जिन्हें विशेष रूप से बच्चों के साहित्य में योगदान के लिए जाना जाता है।  वलसाड स्थित डॉ. इटालिया वैज्ञानिक हैं, जिन्हें दवा श्रेणी के तहत इस सम्मान के लिए चुना गया है। सुरेंद्रनगर के जगदीश त्रिवेदी लेखक, कवि और परोपकारी हैं। त्रिवेदी ने अब तक 28 देशों में 3,000 कार्यक्रम पेश किए हैं और 72 किताबें लिखी हैं। साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री के लिए चयनित रघुवीर चौधरी को हिंदी प्रोफेसर रह चुके हैं। दयाल परमार आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रोफेसर, लेखक और अनुवादक हैं।

आर्य समाज के अनुयायी परमार ने 50 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। इस साल पद्म सम्मान पाने वालों की सूची में अरुणाचल प्रदेश की यानुंग जामोह लेगो भी शामिल हैं। राज्य के पूर्वी सियांग जिले की रहने वाली 58 वर्षीय लेगो राज्य कृषि विभाग में उप निदेशक हैं। लेगो ने पासीघाट से ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मैं पिछले 30 वर्षों से मरीजों का इलाज कर रही हूं। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित होने पर मैं बहुत खुश हूं। पहले तो मुझे इस पर विश्वास ही नहीं हुआ।”

मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह अरुणाचल प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है। खांडू ने कहा, “पूर्वी सियांग में आदि जनजाति से आने वाली, लेगो एक हर्बल चिकित्सा विशेषज्ञ हैं, उन्होंने चुनौतियों के बावजूद, हमारे राज्य की खोई हुई पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के पुनरुद्धार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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