ईवीएम पर पूरा भरोसा, महाराष्ट्र में मत पत्र से चुनाव के इच्छुक नहीं: अजित पवार

मुंबई, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि राज्य सरकार चुनावों में मत पत्र का उपयोग üनहीं करना चाहती है।

पूर्व में कांग्रेस और राकांपा समेत कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह जताया था और इसमें छेड़छाड़ की आशंका का दावा किया था।

राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ईवीएम अच्छे से काम करती हैं। हालांकि, चुनाव में हार के बाद कई बार इसे निशाना बनाकर आलोचना की जाती है।

हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस नेता नाना पटोले ने सदन के सदस्यों से कहा था कि वह मतदाताओं को विधानसभा एवं स्थानीय निकाय चुनाव में ईवीएम के अलावा मत पत्रों का उपयोग करने का विकल्प देने के संबंध में कानून बनाएं।

ईवीएम में कथित छेड़छाड़ से संबंधित शिकायतों के मद्देनजर इस महीने की शुरुआत में हुई एक बैठक में विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर पटोले ने यह निर्देश जारी किए थे।

पटोले के निर्देशों के बारे में पूछे जाने पर उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ प्रत्येक व्यक्ति का अपना अलग नजरिया हो सकता है। वे उस तरह सोचते हैं (ईवीएम के बारे में)और मैं जो महसूस करता हूं, वो मैंने कहा।’’

सरकार के आधिकारिक रुख के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार मत पत्रों का बिल्कुल भी उपयोग करना नहीं चाहती है।

इस बीच, संवाददाताओं ने मीडिया में आई उस रिपोर्ट का हवाला देते हुए पवार से सवाल किया, जिसमें अमेरिका की एक फॉरेंसिक प्रयोगशाला ने पाया है कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार कार्यकर्ता रोना विल्सन के कंप्यूटर को कथित तौर पर हैक किया गया था और इसके साथ छेड़छाड़ की गई। इस पर, उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का रुख एकदम साफ है कि किसी भी निर्दोष को मुकदमे में नहीं फंसाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं अन्य प्रमुख लोग इस बात पर निर्णय करेंगे कि इन आरोपों की जांच के संबंध में एसआईटी गठित किए जाने की आवश्यकता है अथवा नहीं?

वहीं, पुणे में वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने अमेरिकी फोरेंसिक प्रयोगशाला की इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए।

उन्होंने कहा कि ना ही यह कोई स्वतंत्र रिपोर्ट है और ना ही सरकार द्वारा इसे किसी अमेरिकी फोरेंसिक एजेंसी को भेजा गया।

फडणवीस ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी इस रिपोर्ट को खारिज कर चुकी हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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