ईसीआई राजनीतिक दलों और उनके प्रतिनिधियों को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग का निर्देश देता है 

भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने सभी हितधारकों के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के लिए राजनीतिक दलों को निर्देश जारी किए हैं।

ईसीआई की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए, जानकारी को विकृत करने या गलत सूचना का प्रचार करने के लिए एआई आधारित उपकरणों के दुरुपयोग के खिलाफ पार्टियों को चेतावनी दी है। ईसीआई ने राजनीतिक दलों के ध्यान में मौजूदा कानूनी प्रावधानों को लाया है जो गलत सूचना के उपयोग और डीप फेक का उपयोग करके प्रतिरूपण के खिलाफ नियामक ढांचे को नियंत्रित करते हैं। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021, भारतीय दंड संहिता और दोहरे अधिनियमों की रूपरेखा अर्थात् जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951 और मॉडल के प्रावधान शामिल हैं। 

मौजूदा कानूनी प्रावधानों के मद्देनजर, अन्य निर्देशों के अलावा, पार्टियों को विशेष रूप से गहरे नकली ऑडियो/वीडियो को प्रकाशित और प्रसारित करने से परहेज करने, किसी भी गलत सूचना या जानकारी का प्रसार करने, जो स्पष्ट रूप से गलत, असत्य या भ्रामक प्रकृति की है, को पोस्ट करने से परहेज करने का निर्देश दिया गया है। महिलाओं के प्रति अपमानजनक सामग्री, अभियानों में बच्चों का उपयोग करने से बचना, हिंसा या जानवरों को नुकसान पहुंचाने से बचना।

पार्टियों को ऐसी किसी भी सामग्री को उनके संज्ञान में लाने के तीन घंटे के भीतर तुरंत हटाने, अपनी पार्टी में जिम्मेदार व्यक्ति को चेतावनी देने, संबंधित प्लेटफार्मों पर गैरकानूनी जानकारी और नकली उपयोगकर्ता खातों की रिपोर्ट करने और लगातार मुद्दों को शिकायत अपीलीय समिति तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया है।

PC:https://en.wikipedia.org/wiki/Election_Commission_of_India#/media/File:Election_Commission_of_India_Logo.svg

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