एनडीएफबी के संस्थापक अध्यक्ष हत्या के आरोप से बरी

यहां की एक टाडा अदालत ने 1992 में असम में एक परिवार के छह सदस्यों की हत्या के मामले में सबूतों के अभाव में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के संस्थापक अध्यक्ष रंजन दैमारी को बरी कर दिया है। , 2022.

2008 में असम में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद दैमारी पहले ही उम्रकैद की सजा काट रही है।

उनके वकील मानस सरानिया ने एक बयान में कहा कि टाडा अदालत ने 2000 में अपने द्वारा उठाए गए एक मामले में दैमारी को बरी कर दिया है।

यह 1992 में उदलगुरी जिले में एक परिवार के छह लोगों की हत्या से संबंधित है। एक धर्मकांता बोरो शुरू में इस मामले में आरोपों का सामना कर रहा था। सरानिया ने कहा कि दैमारी को 2011 से मुकदमे में शामिल किया गया था। वकील ने कहा कि अदालत ने अंततः 30 जून, 2022 को मामले में डेमरी और बोरो को बरी कर दिया क्योंकि उनके खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं किया जा सका। सरानिया ने कहा कि बोरो पहले ही जमानत पर बाहर है।

वकील ने कहा कि डेमरी अब 2008 के सिलसिलेवार बम विस्फोटों सहित दो मामलों में मुकदमे का सामना कर रही है। जनवरी 2019 में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सिलसिलेवार धमाकों के मामले में 15 लोगों को दोषी ठहराया था, जिनमें से 10 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

दैमारी एनडीएफबी के प्रमुख थे, जिसने 30 अक्टूबर, 2008 को राज्य में नौ सिलसिलेवार विस्फोट किए थे, जिसमें 88 लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हो गए थे।

फोटो क्रेडिट : https://assets.sentinelassam.com/h-upload/2021/09/08/253532-217831-aa-cover-v2vroksjmgqjv9e4sduglicm06-20190131012453medi.webp?w=720&dpr=1.0

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