एसपीपी के चयन के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर उपराज्यपाल को अदालत ने भेजा नोटिस

नयी दिल्ली, गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा और पिछले साल हुए दंगों के मामलों में दिल्ली पुलिस द्वारा चुने गए वकीलों को विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) नियुक्त करने की अनुमति देने के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने उपराज्यपाल को याचिका के साथ-साथ ही इस फैसले पर रोक लगाने के आवेदन पर भी अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की।

दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल के उस फैसले चुनौती दी है जिसमे उन्होंने 26 जनवरी 2021, गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा और फरवरी 2020 में हुए दंगों के मामलों में दिल्ली पुलिस द्वारा चुने गए वकीलों को विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) नियुक्त करने की अनुमति दी थी। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और राहुल मेहरा इस मामले में दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

याचिका में दलील दी गई है कि इन एसपीपी को दिल्ली पुलिस ने चुना है और इसलिए यह हितों के गंभीर टकराव का मामला है।

सिंघवी ने दलील दी, ‘‘ हमारे द्वारा नियुक्त एसपीपी का मामले से कोई नाता नहीं था। आप उन एसपीपी को नहीं चुन सकते, जो जांच शाखा यानी दिल्ली पुलिस का हिस्सा हैं।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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