एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दूसरी खुराक: रक्त के थक्कों को लेकर बढ़ती आशंका और उससे जुड़े सवाल

ओंटारियो (कनाडा), कोविड-19 की वैक्सीन एस्ट्राजेनेका के दुष्प्रभावों में दुर्लभ लेकिन गंभीर रक्त के थक्के जमने को लेकर लोग, विशेष रूप से ऐसे लोग जो इस वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं, आशंकित हैं और इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी की तलाश में हैं। पेश हैं कुछ अहम सवालों के जवाब।

अगर मैंने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली डोज ली, तो क्या मुझे सुरक्षा को लेकर चिंता होनी चाहिए?

जब तक कोई जोखिम है, आपको हमेशा जागरूक और जानकार रहना चाहिए। मृत्यु सहित बहुत गंभीर नुकसान का जोखिम मौजूद है, हालांकि यह बहुत छोटा है: पहली खुराक के लिए लगभग 55,000 में से एक।

अब हमें इस बात की बेहतर समझ है कि कोविड-19 की वैक्सीन के टीकों के कारण जमने वाले थक्के का निदान और उपचार कैसे किया जाता है, जिसे वैक्सीन-प्रेरित थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया, या वीआईटीटी (जिसे कभी-कभी वैक्सीन-प्रेरित प्रोथ्रोम्बोटिक इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया, या वीआईपीआईटी) कहा जाता है।

वीआईटीटी का अनुभव करने वाले लोगों में मृत्यु दर का अनुमान 20 से 50 प्रतिशत है, लेकिन ज्ञान बढ़ने के साथ इसमें सुधार हो सकता है। कनाडा की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी कोविड-19 वैक्सीनेशन के बाद की सभी प्रतिकूल घटनाओं पर नजर रखती है।

यह महत्वपूर्ण है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन प्राप्त करने वाला प्रत्येक व्यक्ति यह समझे कि उसने जो किया वह सही था। यह एक उत्कृष्ट और प्रभावी टीका है, और खुद को तथा अपने समुदाय को बचाने के लिए टीकाकरण किया जाना जरूरी था ताकि इसके जरिए महामारी की रफ्तार को कम किया जाए और फिर अंतत: इसे समाप्त किया जाए।

क्या मुझे एस्ट्राजेनेका की दूसरी खुराक लेनी चाहिए? अगर ऐसा हैं तो कब?

किसी भी दो चरण वाले टीके की दूसरी खुराक लेना बहुत जरूरी है। यह प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को मजबूत करता है। नैदानिक ​​परीक्षणों से पता चला है कि पहली खुराक सभी संक्रमणों को नहीं रोकती है। यह संक्रमण होने पर मृत्यु से बचाती है। दूसरी खुराक आपको किसी भी संक्रमण से लगभग पूरी तरह से बचाने के लिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाती है। दूसरी खुराक आपके वायरस का वाहक या संचारक बनने की क्षमता को बहुत कम कर देती है।

दोनो वैक्सीन के बीच के अंतर के समय को लेकर, सबूत अभी भी उभर रहे हैं, लेकिन एस्ट्राजेनेका के बारे में सबसे अच्छा मार्गदर्शन यह है कि पहली और दूसरी खुराक के बीच 12 से 20 सप्ताह का अंतर आदर्श है, जितना कि अधिकांश टीकों के साथ होता है।

क्या दूसरी खुराक के लिए जोखिम अलग हैं?

दूसरी खुराक के बाद रक्त के थक्के का जोखिम 600,000 में से एक में है, जो प्रारंभिक खुराक के बाद थक्के के जोखिम का दसवां हिस्सा है। यदि आप पहली खुराक प्राप्त करने में सहज थे, तो आपको दूसरी खुराक लेने के बारे सकारात्मक रहना चाहिए और समुदाय को महामारी के अंत के करीब लाने में मदद करना जारी रखना चाहिए। इसके अलावा, टीके से संबंधित थक्कों से जुड़े लक्षणों को जानने से समय पर पहचान और तत्काल उपचार संभव हो जाता है।

वैक्सीन लेने के बाद जमने वाले रक्त के थक्के स्वास्थ्य के लिए कितने गंभीर हैं?

उन बहुत ही दुर्लभ मामलों में जहां वैक्सीन लेने के बाद रक्त के थक्के बनते हैं, वह बहुत गंभीर हो सकते हैं, यहां तक ​​कि घातक भी। अच्छी बात यह है कि ज्ञान तेजी से आगे बढ़ रहा है, विशेष रूप से इन थक्कों के होने पर इनके निदान और उपचार के मामले में।

पहले वैक्सीन लेने के बाद थक्के बनने के दुर्लभ मामलों में मौत का जोखिम 60 से 80 फीसदी था। आज यह 20 फीसदी है।

वैक्सीनेशन की शुरुआत में, यह जानने का कोई तरीका नहीं था कि वैक्सीन से संबंधित थक्का क्या है और इसके बारे में कैसे पता करना है। इसी वजह से वैक्सीन के बाद जमने वाले रक्त के थक्कों से मरने वालों की संख्या अधिक थी, लेकिन अब जबकि यह समस्या ज्ञात हो गई है और लक्षणों की पहचान की जा सकती है, मृत्यु का जोखिम बहुत कम है। अब हम यह समझने की दिशा में प्रगति कर रहे हैं कि यह समस्या कैसे पैदा होती है, तो निदान किया जा रहा है और इससे पीड़ित होने वाले लोगों का इलाज बहुत जल्दी और अधिक प्रभावी ढंग से किया जा रहा है।

क्या मेरी दूसरी खुराक के लिए दूसरा टीका लगवाना सुरक्षित है?

टीकाकरण पर कनाडा की राष्ट्रीय सलाहकार समिति अनुशंसा करती है कि दूसरी खुराक के लिए, आपको उसी तकनीक से बने टीके का चयन करना चाहिए जो पहली खुराक के समय लिया था। यदि आपको पहली बार एस्ट्राजेनेका मिला है, जो वायरल वेक्टर वैक्सीन का एक रूप है, तो यह अनुशंसा की जाती है कि आप दूसरी डोज के रूप में भी यही लगवाएं। यदि यह उपलब्ध नहीं है, तो जॉनसन एंड जॉनसन एक अन्य वायरल वेक्टर वैक्सीन है।

यदि आपके पास एमआरएनए प्रौद्योगिकी से बना – फाइजर या मॉडर्न पर आधारित टीका था – तो आप अपनी दूसरी खुराक के लिए उन दोनों में से कोई एक ले सकते हैं। अभी और आंकड़े सामने आ रहे हैं और अलग अलग तरह की वैक्सीन की डोज लेना शायद प्रभावी साबित हो सकता है, लेकिन अभी के लिए, उसी तकनीक के साथ बने रहने की सिफारिश की गई है।

क्या ऐसे कोई लक्षण हैं जिन पर लोगों को ध्यान देना चाहिए जो रक्त के थक्के का संकेत दे सकते हैं?

वीआईटीटी के लक्षण के संबंध में पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध हैं और इसमें निम्नलिखित शामिल हैं, जो टीकाकरण के चार या अधिक दिनों के बाद होते हैं:

गंभीर और लगातार सिरदर्द।

लगातार धुंधला दिखाई देना।

पैरों में सूजन।

सांस लेने मे तकलीफ।

पेट में दर्द।

टीका लगने के स्थान पर खरोंच जैसे निशान।

इनमें से कोई भी लक्षण होने पर तत्काल डाक्टरी सलाह लेना जरूरी है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि टीके की जगह पर दर्द, हल्का बुखार, सिरदर्द, और थकान जैसे लक्षण टीकाकरण के पहले एक या दो दिनों में सभी टीकों के साथ सामान्य हैं और इन्हें लेकर चिंता का कोई कारण नहीं हैं।

एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से संबंधित रक्त के थक्के से किसे खतरा है?

रक्त के थक्के बनने की घटनाएं अभी भी इतनी दुर्लभ हैं कि इनके बारे में किसी विशेष जोखिम वाले कारकों की पहचान करना बहुत मुश्किल है। हालांकि ऐसा प्रतीत होता है कि महिलाओं में थोड़ी अधिक संख्या में थक्के जमने का अनुभव हुआ है, लेकिन मामलों की संख्या इतनी बड़ी नहीं है कि यह सटीक आकलन कर सके कि क्या लिंग इसके जोखिम को प्रभावित कर सकता है।

एस्ट्राजेनेका टीका उन लोगों के लिए अनुशंसित नहीं है जिनका हेपरिन प्रेरित थ्रोम्बोसाइटोपेनिया, या दुर्लभ सेरेब्रल शिरापरक साइनस थ्रोम्बिसिस क्लॉट्स का पिछला इतिहास है। थक्के जमने का पारिवारिक इतिहास वैक्सीन से जुड़े जोखिमों के लिए प्रासंगिक प्रतीत नहीं होता है क्योंकि तंत्र पूरी तरह से अलग हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: