कार्लसन अजेय नहीं हैं: प्रज्ञानानंदा

कोलकाता, तीन सितंबर (भाषा) भारत की नवीनतम शतरंज सनसनी आर प्रज्ञानानंद विश्व कप के फाइनल में मैग्नस कार्लसन से हार गये लेकिन इस 18 साल के खिलाड़ी ने रविवार को कहा कि नॉर्वे के पांच बार का विश्व चैंपियन को हराना मुश्किल है लेकिन वह  ‘अजेय ’ नहीं है।आर प्रज्ञानानंदा पिछले महीने विश्व कप उपविजेता बनने वाले 18 साल के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने। अपने अभियान के दौरान, उन्होंने आठ-खिलाड़ियों के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी अपनी जगह पक्की कर ली, जो 2024 में शतरंज में विश्व चैंपियन डिंग लिरेन के लिए चुनौती का निर्धारण करेगा।वह बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद  कैंडिडेट टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाला तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी है।प्रज्ञानानंदा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि वह (कार्लसन) अजेय है।’’चेन्नई के इस खिलाड़ी ने कार्लसन को पांच बार हराया है। उन्होंने हालांकि यह सभी जीत ऑनलाइन मैचों में हासिल की है। प्रज्ञानानंदा ने बोर्ड मैच में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी को कभी नहीं हराया है।प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘‘ वह निश्चित रूप से मजबूत खिलाड़ी है। लेकिन, वह गेम हार सकते है। मुझे बस यही लगता है कि वह लगातार जीत दर्ज करने में सफल रहते है।  वह मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत मजबूत है। वह मूल रूप से हर चीज में मजबूत है।’’अब तक, इयान नेपोम्नियाची, फैबियानो कारूआना और प्राज्ञानानंद ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया है, जबकि पांच और स्थान अभी भी बाकी हैं और इस साल के अंत तक तय किए जाएंगे।प्रज्ञानानंद ने कहा कि वह कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए खुद पर किसी तरह का अतिरिक्त दबाव नहीं डालेंगे और इसे किसी अन्य प्रतियोगिता की तरह लेना चाहेंगे।उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई अतिरिक्त दबाव होगा। मैं बस इसे एक अन्य टूर्नामेंट के रूप में लेना चाहता हूं। अगर आपको लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है, तो आप अतिरिक्त दबाव डालना शुरू कर देते हैं। मैं बस वैसे ही खेलना चाहता हूं जैसा मैने पिछले तीन टूर्नामेंटों में खेला है।’’विश्व कप में चार भारतीय खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल में पहुंचे। भारतीयों की सफलता ने पांच बार के विजेता विश्वनाथ आनंद के बाद देश से एक और विश्व चैंपियन उभरने की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।प्रज्ञानानंद ने कहा, ‘‘शतरंज में मुझे अब भी बहुत कुछ हासिल करना है। यह सिर्फ एक छोटा कदम है, लेकिन फिर भी बहुत अच्छा है।’’कार्लसन दोबारा विश्व चैंपियन बनने की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुके हैं।प्रज्ञानानंदा से जब पूछा गया कि क्या कार्लसन के बाहर होने के बाद मुकाबला कुछ आसान होगा तो उन्होंने कहा, ‘‘ वास्तव में नहीं, बाकी सभी खिलाड़ी भी बहुत मजबूत हैं। ऐसा नहीं है कि यह आसान  होने वाला है।’’उन्होंने कहा, ‘‘कैंडिडेट्स टूर्नामेंट वास्तव में एक मुश्किल प्रतियोगिता होगी। इसके लिए शतरंज में अच्छा होने के साथ ही आपको शारीरिक और मानसिक रूप से संघर्ष के लिए अच्छी स्थिति में होना होगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘विश्व चैम्पियनशिप जीतने के लिए, आपको शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत, बहुत मजबूत होना होगा। मुझे नहीं लगता कि मैग्नस के नहीं रहने से यह आसान हो जाएगा। यह बहुत कठिन होगा। मैं सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने की उम्मीद कर रहा हूं ।

’’क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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