कोलंबो बंदरगाह परियोजना से जुड़ने की भारत की लंबे समय से इच्छा रही है : विदेश मंत्रालय

नयी दिल्ली, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कोलंबो बंदरगाह परियोजना में भागीदारी के लिए भारत की दिलचस्पी लंबे समय से रही है क्योंकि वहां ज्यादातर सामान भारत से आता-जाता है।

श्रीलंका ने कोलंबो बंदरगाह में ईस्ट कंटेनर टर्मिनल (ईसीटी) के विकास के लिए भारत और जापान के साथ दस्तखत किए एक समझौते को रद्द कर दिया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोलंबो बंदरगाह परियोजना में भागीदारी करने के लिए भारत की दिलचस्पी लंबे समय से है, क्योंकि वहां अधिकांश सामान भारत से आता-जाता है।’’

क्या श्रीलंका ने ईसीटी के बजाए कोलंबो बंदरगाह में वेस्टर्न कंटेनर टर्मिनल परियोजना को विकसित करने के लिए भारत को प्रस्ताव दिया है, इस सवाल का जवाब देने से बचते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने सैद्धांतिक तौर पर श्रीलंका सरकार से यह समझौता किया था।’’

श्रीवास्तव ने आगे कहा, ‘‘हालांकि, मौजूदा सरकार ने निवेशकों को सीधे तौर पर तरजीह देने की इच्छा जतायी है। मैं समझता हूं कि अभी भी चर्चा चल रही है।’’

भारत, जापान और श्रीलंका ने कोलंबो पोर्ट में ईसीटी के विकास के लिए 2019 में एक समझौता किया था। लेकिन, भारत और जापान को परियोजना में शामिल किए जाने को लेकर आंदोलन के बाद श्रीलंका सरकार ने पिछले सप्ताह यह परियोजना एक सरकारी कंपनी को सौंपने का फैसला किया।

खबरों के मुताबिक श्रीलंका ने परियोजना को श्रीलंका पोर्ट अथॉरिटी (एसएलपीए) को सौंपने का फैसला किया है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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