ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी के लिए ठोस कदम उठाए जाएं: गुतारेस

बर्लिन, ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के लिए सरकारों द्वारा ज्यादा महत्वाकांक्षी संकल्प नहीं लिए जाने के कारण दुनिया ‘‘तबाही के रास्ते’’ पर बढ़ रही है। यह बात शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने कही।

पेरिस जलवायु संधि पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देशों की 30 जुलाई तक की समीक्षा रिपोर्ट में पाया गया कि 2010 की तुलना में 2030 तक उत्सर्जन में करीब 16 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी।

वैज्ञानिकों ने कहा कि दुनिया को उत्सर्जन पर तेजी से नियंत्रण लाना चाहिए और जलवायु में 2050 तक उत्सर्जन को नहीं बढ़ाया जाना चाहिए, तब जाकर पेरिस समझौते के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा और 2100 तक वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सकेगा।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, ‘‘दुनिया तबाही के रास्ते पर है और तापमान में 2.7 डिग्री तक बढ़ोतरी हो सकती है।’’

विशेषज्ञों का कहना है कि औद्योगिक काल से पहले की तुलना में पृथ्वी पहले ही 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हो चुकी है।

गुतारेस ने कहा, ‘‘हमें 2030 तक उत्सर्जन में 45 फीसदी कटौती करने की जरूरत है ताकि 2050 कार्बन तटस्थता तक पहुंच सकें।’’

अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित करीब 113 देशों ने अपने उत्सर्जन लक्ष्यों की जानकारी सौंपी है। उनके संकल्प से इन देशों के लिए दशक के अंत तक उत्सर्जन में 12 फीसदी की कमी आएगी।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु प्रमुख पैट्रिसिया एसपिनोसा ने कहा, ‘‘यह तस्वीर का सकारात्मक पहलू है।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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