ज्यादातर कंपनियां शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने को प्रतिबद्ध: रिपोर्ट

नयी दिल्ली, घरेलू कंपनियां पर्यावरण अनुकूल पहल को लेकर कदम उठा रही हैं। यह बात एक सर्वे में सामने आई है जिसमें 50 प्रतिशत कंपनियों ने जलवायु परिर्वतन की चुनौतियों से निपटने के लिए शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन को लेकर प्रतिबद्धता जतायी हैं। 

अपने ग्राहकों को परामर्श, ऑडिट समेत विभिन्न सेवाएं देने वाली पीडब्ल्यूसी ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह कहा।  बीते वर्ष अप्रैल-जुलाई के दौरान किये गये सर्वेक्षण में करीब 48 प्रतिशत कंपनियों ने 2030 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन को लेकर प्रतिबद्धता जतायी है।

‘पीडब्ल्यूसी इंडियाज टैक्स ट्रान्सपरेंसी इन ईएसजी सर्वे’ शीर्षक से जारी यह रिपोर्ट वित्तीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी, मीडिया और दूरसंचार, खुदरा और उपभोक्ता, इंजीनियरिंग तथा निर्माण जैसे उद्योगों से जुड़े लगभग 250 कर प्रमुखों, पर्यावरण/ईएसजी प्रमुखों, भारतीय कंपनियों के सीएफओ (मुख्य वित्त अधिकारी) आदि के बीच किये गये सर्वेक्षण पर आधारित है। 

   पीडब्ल्यूसी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि हाल के वर्षों में वैश्विक व्यापार परिदृश्य में पर्यावरण अनुकूल पहल और जिम्मेदार गतिविधियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है। कंपनियों की रणनीति के तहत वे पर्यावरण अनुकूल उपायों में निवेश कर रही हैं और अपने इरादों, प्रतिबद्धताओं और उपलब्धियों को पुरजोर तरीके से सामने रखने की कोशिश कर रही हैं।’’सर्वे के अनुसार, लगभग 60 प्रतिशत प्रतिभागियों ने सरकार की तरफ से पर्यावरण, सामाजिक और संचालन व्यवस्था (ईएसजी) में किये जाने वाले उपायों को प्रोत्साहित करने की जरूरत बतायी।

   रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोत्साहन और नीतिगत हस्तक्षेप के साथ सरकार कंपनियों को उनकी कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने, आय असमानता को दूर करने और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए मदद कर सकती हैं।  इसमें यह भी कहा गया है कि घरेलू कंपनियां आने वाले वर्षों में स्वयं से कर संबंधी घोषणाओं को लेकर पूरी तरह सतर्क होंगी और तत्परता से इस दिशा में कदम उठाएंगी। यह वैश्विक गतिविधियों और संबद्ध पक्षों की बढ़ती अपेक्षाओं के अनुरूप है।

पीडब्ल्यूसी ने कहा कि कर मामलों में ऐसी पारदर्शिता कंपनियों के लिए न केवल जिम्मेदार कॉरपोरेट गतिविधियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती हैं बल्कि कर प्रणाली को लेकर ईमानदारी के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। 

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: