तालिबान द्वारा नामित संयुक्त राष्ट्र दूत ने समूह को जल्द वैश्विक मान्यता देने का किया आग्रह

काबुल, संयुक्त राष्ट्र के लिए तालिबान द्वारा नामित दूत ने मुल्क के नए शासकों को जल्द वैश्विक मान्यता देने का बुधवार को अनुरोध किया। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने युद्धग्रस्त देश में स्वास्थ्य देखभाल आपदा की आशंका जतायी है।

पिछले महीने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद से तालिबान के सामने कई चुनौतियों में से एक मानवीय संकट भी है। इसके अलावा आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट से खतरा भी है जिसने अपने हमले तेज कर दिए हैं और वह देश के पूर्वी क्षेत्र में अपने गढ़ में तालिबानियों को निशाना बना रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के सहायता समन्वयक मार्टिन ग्रिफिथ ने आपात उपाय के तौर पर विश्व निकाय की आपात निधि से अफगानिस्तान के लिए बुधवार को 4.5 करोड़ डॉलर की सहायता राशि जारी की।

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि अफगानिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था ढहने के कगार पर है और तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। यह बयान डब्ल्यूएचओ के एक दल के काबुल की हालिया यात्रा के बाद आया है। इस दल का नेतृत्व एजेंसी के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयेसस ने किया और उन्होंने तालिबानी नेताओं तथा अन्य लोगों से भी मुलाकात की।

डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘‘देश एक आसन्न मानवीय आपदा का सामना कर रहा है।’’ उसने बताया कि हजारों स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा सामान नहीं हैं और स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन नहीं मिला है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘‘इनमें से कई केंद्र बंद हो गए है जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ये कठोर निर्णय लेने के लिए मजबूर हो गए हैं कि किसे बचाया जाए और किसे मरने के लिए छोड़ दिया जाए।’’ उसने महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य कार्यबल तक पहुंच बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

ग्रिफिथ ने आगाह किया कि अफगानिस्तान की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को ढहने देना विनाशकारी होगा।

इससे पहले तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर पूर्व शांति वार्ताकार और तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन को अपना नया संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि बनाने की घोषणा की। उसने आग्रह किया था कि शाहीन को न्यूयॉर्क में चल रही संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने की अनुमति दी जाए।

शाहीन ने बुधवार को कहा, ‘‘हमने सरकार की मान्यता के लिए आवश्यक सभी जरूरतों को पूरा कर लिया है इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र एक निष्पक्ष विश्व निकाय के तौर पर अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार को मान्यता दें।’’

अफगानिस्तान को सोमवार को मंत्री स्तरीय बैठक में अंतिम वक्ता के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है और अगर तब तक तालिबान को कोई वैश्विक मान्यता नहीं दी गयी तो अफगानिस्तान के दूत गुलाम इसाकजई संबोधन देंगे।

इसाकजई को अभी संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत के तौर पर मान्यता प्राप्त हैं लेकिन तालिबान का तर्क हैं कि अब देश में उसकी सरकार है और उसे राजदूतों की नियुक्ति करने का अधिकार है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

%d bloggers like this: