दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक हड़ताल पर

पिछले पांच महीनों से दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले 12 कालेजों के लगभग 3-5 हजार शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है जिससे वह हड़ताल पर चले गए हैं वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि इन कालेजों की गवर्निंग बॉडी अभी तक नहीं बनी है।

गत 9 मार्च को डूटा की कार्यकारी बैठक आयोजित की गई थी जिसमें पिछले 14 महीनों के लिए 100 प्रतिशत वित्त पोषित कालेजो वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के बारह कालेजों में शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारियों के सामने आने वाले संकट पर चर्चा करने के लिए एवं डूटा कार्यकारी ने दिल्ली कालेजों के विश्वविद्यालय को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया था एवं कहा कि वे कालेज कर्मचारी यूनियन और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के साथ बैठक करेंगे।

भीम राव अंबेडकर कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. रिचा चौधरी ने कहा कि डूटा 15 मार्च को वीसी कार्यालय से दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास तक एक प्रवेश रैली आयोजित करेगा और 18 मार्च को वीसी कार्यालय से दूसरा मार्च निर्धारित करेगा एलजी के कार्यालय के लिए साथ ही अन्य कर्मचारी संघों को 19 मार्च तक कार्यक्रमों के लिए इकट्ठा होने और प्रतिक्रिया भेजने के लिए बैठक आयोजित करने का आह्वान किया। इस संबंध में डूटा कार्यकारी आगामी 20 मार्च को कार्रवाई का भविष्य तय करेगा।

डूटा के अनुसार पिछले पांच महीनों से जिन कालेजों को वेतन नहीं मिला उनमें भीम राव अंबेडकर कालेज- शहीद भगत सिंह- आचार्य नरेंद्र देव- अदिति महाविद्यालय आदि शामिल हैं।

शिक्षकों का कहना है कि महामारी के बीच उचित वेतन न मिलना उनके लिए जीवन कठिन बना रहा है। उनका आरोप है कि सरकार उनकी दलीलों के प्रति असंवेदनशील है और उनकी स्थिति खराब हो रही है।

फोटो क्रेडिट : Wikipedia

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