दोनों कोरियाई देशों कें नेताओं के बीच पत्रों का आदान-प्रदान

सियोल (दक्षिण कोरिया), उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद जताते हुए पत्रों का आदान-प्रदान किया है। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में पिछले तीन वर्षों में परमाणु वार्ता में ठहराव और उत्तर कोरिया द्वारा तेजी से हथियारों का विकास करने से गिरावट आयी है।

उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने कहा कि नेता किम जोंग उन को बुधवार को निवर्तमान दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन से एक व्यक्तिगत पत्र मिला और किम ने बृहस्पतिवार को जवाबी पत्र के साथ मून की इसके लिए सराहना की कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान शांति के लिए प्रयास किये। प्योंगयांग की सरकारी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि दोनों नेताओं के बीच पत्रों का आदान-प्रदान उनके बीच “गहरे विश्वास” को दर्शाता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया द्वारा पत्रों की घोषणा का उद्देश्य दक्षिण कोरिया में जनता की राय को विभाजित करना और सियोल की नयी सरकार को मई में सत्ता में आने के बाद प्योंगयांग की ओर एक कठोर रुख लेने से हतोत्साहित करना है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब किम संभवतः परमाणु परीक्षण और अन्य उकसावे वाले कदमों की तैयारी में हैं।

केसीएनए ने कहा कि मून ने किम से कहा कि वह अगले महीने पद छोड़ने के बाद भी कोरियाई एकीकरण के लिए अभियान जारी रखेंगे।

केसीएनए ने कहा कि किम और मून ने विचार साझा किए कि ‘‘यदि (उत्तर और दक्षिण) आशा के साथ अथक प्रयास करते हैं, तो अंतर-कोरियाई संबंध दोनों देशों की उम्मीद के अनुरूप बेहतर और विकसित होंगे।’’

केसीएनए की खबर के तुरंत बाद मून के कार्यालय ने पत्रों के आदान-प्रदान की पुष्टि की, लेकिन पत्रों के बारे में जानकारी साझा करने में घंटों समय लगाया। इससे यह संकेत मिला कि उत्तर कोरिया ने घोषणा करने से पहले सियोल के साथ समन्वय नहीं किया था।

सियोल के अनुसार, मून ने किम को लिखे अपने पत्र में अंतर-कोरियाई संबंधों में असफलताओं को स्वीकार किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि 2018 में उनके शिखर सम्मेलन के दौरान शांति के लिए उनका आकांक्षात्मक संकल्प और सीमा क्षेत्र की झड़पों को रोकने के उद्देश्य से सैन्य समझौता भविष्य के सहयोग की नींव के रूप में प्रासंगिक रहेगा।

मून के प्रवक्ता पार्क क्यूंग-मी ने कहा कि मून ने वाशिंगटन और प्योंगयांग के बीच परमाणु वार्ता फिर से शुरू होने और किम और दक्षिण कोरिया के भावी राष्ट्रपति यूं सुक येओल के नेतृत्व वाली अगली सरकार के बीच सहयोग की उम्मीद जताई।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press

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