नड्डा का सोनिया को पत्र, महामारी के दौरान लोगों को गुमराह करने, भय पैदा करने का लगाया आरोप

नयी दिल्ली, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस पर कोविड-19 के खिलाफ जारी देश की लड़ाई में लोगों को ‘‘गुमराह’’ करने और भय का ‘‘झूठा माहौल’’ पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि संकट के इस दौर में राहुल गांधी सहित उसके नेताओं के व्यवहार को छल कपट और ओछेपन के लिए याद किया जाएगा।

नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे चार पन्नों के एक पत्र में यह आरोप लगाए हैं।

ज्ञात हो कि सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी जिसमें कोविड-19 प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की गई थी।

भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों सहित पार्टी के अन्य नेताओं पर टीकों को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति ऐसे समय में पैदा की गई जब देश संकट से जूझ रहा है और वह भी सदियों में एक बार आने वाली महामारी से।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विज्ञान में अटूट विश्वास, नवोन्मेष को समर्थन, सहकारी संघवाद के साथ वैश्विक महामारी से निपटा जा रहा है।

नड्डा ने कहा कि वह संकट के इस काल में कांग्रेस के रवैये से दुखी हैं लेकिन आश्चर्यचकित नहीं हैं।

कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने देश में कोरोना महामारी की गंभीर स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए सोमवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी ‘गलतियां’ स्वीकार करना चाहिए और इस महामारी से लड़ने के लिए पूरी तरह समर्पित होना चाहिए।

सीडब्ल्यूसी की डिजिटल बैठक में पारित प्रस्ताव में यह आरोप भी लगाया गया था कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया तथा टीकाकरण एवं दूसरे कदमों का पूरा उत्तरदायित्व राज्यों पर छोड़ दिया।

भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कोविड के मामलों के बढ़ने के बावजूद बड़ी बड़ी चुनावी रैलियों के लिए तथा सेंट्रल विस्टा परियोजना के जारी निर्माण कार्य के लिए अपनी पार्टी की हो रही आलोचनाओं के मद्देनजर भी कांग्रेस पर पलटवार किया।

उन्होंने कहा कि पहले लॉकडाउन का विरोध कर और फिर इसकी मांग कर कांग्रेस अपना भला नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दूसरी लहर से संबंधित केंद्र की सलाहों को नजरअंदाज किया।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने केरल में बड़ी बड़ी चुनावी रैलियां कीं जिसकी वजह से कोविड-19 के मामलों में वहां वृद्धि हुई और वह दूसरे स्थानों पर हुई रैलियों पर भाषण दे रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी लहर जब बढ़ रही थी तब आपकी पार्टी के नेता उत्तर भारत में सुपर स्प्रेडर बनकर खुश होते दिख रहे थे। मास्क और उचित दूरी के लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं था। आज वह युग नहीं है जब इस प्रकार की चीजें लोगों के मन मस्तिष्क से मिट जाएं।’

टीकाकरण अभियान को लेकर कांग्रेस की आलोचना का जवाब देते हुए नड्डा ने कहा कि विपक्षी दल के शीर्ष पदाधिकारियों ने अप्रैल में इसके विकेंद्रीकरण की मांग की थी। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि कांग्रेस पार्टी और कुछ राज्यों में शासन कर रहे उसके नेताओं के बीच इतनी दूरी कैसे हो सकती है।

कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि केंद्र ने टीकाकरण अभियान की जिम्मेदार राज्यों पर छोड़ दी है।

नड्डा ने कहा कि केंद्र ने अब तक राज्यों को 16 करोड़ टीके वितरित किए हैं उनमें से 50 प्रतिशत टीके मुफ्त दिये गये हैं।

उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा और उसके सहयोगियों के शासन वाले राज्यों की तरह कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के शासन वाले राज्यों में लोगों को मुफ्त टीका दिए जाएंगे?

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्रियों सहित सभी हितधारकों को शामिल किया और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने इसकी सराहना भी की।

उन्होंने कहा कि गरीब लोग मोदी सरकार की प्राथमिकता रहे हैं और इसी सिलसिले में केंद्र सरकार उन्हें खाद्यान्न और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से लाभ पहुंचा रही है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस महामारी के दौरान जहां कांग्रेस के कुछ नेता सराहनीय काम कर रहे हैं वहीं उसके कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा नकारात्मकता फैलाकर उनकी कड़ी मेहनत पर पानी फेरा जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ पूरा देश साहस के साथ कोरोना संकट का मुकाबला कर रहा है। ’’

उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस के शीर्ष नेता राजनीतिक फायदे के लिए लोगों को गुमराह करना, झूठे भय का माहौल पैदा करना और अपनी ही बातों का खंडन करना बंद करेंगे।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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