पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने स्वात जिले में आतंकवाद पर चिंता जताई

इस्लामाबाद, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को देश के उत्तर-पश्चिमी जिले स्वात में आतंकवाद के खतरे पर चिंता जताते हुए चेतावनी दी कि इलाके में ‘‘आग’’ मेरे सहित सभी तक पहुंच सकती है।

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का जिला स्वात अपनी हरी-भरी घाटियों और बर्फ से ढके पहाड़ों के कारण ‘पाकिस्तान का स्विट्जरलैंड’ के रूप में जाना जाता है। वर्ष 2007 से 2009 से चरमपंथियों को पराजित और बेदखल किए जाने तक यह आतंकवाद के भीषण दौर से गुजरा। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई पर 2012 में स्वात में आतंकवादियों ने हमला किया था।

हालांकि, अधिकतर आतंकवादी हथियार डालने के बजाय अफगानिस्तान भाग गए। तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद जिले में आतंकवादियों की वापसी की सूचनाएं मिली हैं। आतंकवादियों की वापसी को रोकने में सरकार की विफलता के खिलाफ स्वात के निवासी नियमित रूप से सड़कों पर उतर रहे हैं और अपना रोष व्यक्त कर रहे हैं।

यह मुद्दा नेशनल असेंबली में तब गूंज उठा जब आसिफ ने स्वात में सुरक्षा की स्थिति और पूरे देश के लिए इसके गंभीर परिणामों के बारे में चिंता व्यक्त की। आसिफ ने कहा, ‘‘स्वात में करीब 12 साल बाद यही प्रक्रिया शुरू हुई है। वहां (आतंकवाद की) आग मेरे सहित सभी तक पहुंच सकती है। स्वात के लोग एक साथ आए हैं। हमें मुद्दों को सुलझाने के लिए एक साथ बैठना चाहिए।’’

आसिफ ने आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के उपायों के लिए आग्रह किया, जबकि स्वात के लोगों की प्रशंसा की, जो बिना किसी भेदभाव या राजनीतिक मतभेदों के चरमपंथियों के खिलाफ एकजुट हुए हैं।

जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने ‘‘धर्म के पीछे अपने नापाक मंसूबों को छिपाने’’ और खतरा पैदा करने के लिए हिंसा में संलिप्त तत्वों पर हमला किया। उन्होंने कहा, ‘‘माफ करें, यह केवल सत्ता की लड़ाई है। यह धर्म की लड़ाई नहीं है, और (आपको) इसे कहने की हिम्मत होनी चाहिए।’’

उन्होंने स्वात की स्थिति की तुलना पड़ोसी अफगानिस्तान में 20 साल के लंबे युद्ध की समाप्ति से पहले से की। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान में जो हो रहा है वह उग्रवाद नहीं आतंकवाद है।’’

उन्होंने मांग की कि आतंकवाद के खिलाफ ‘‘अभियान की प्रगति पर सभी को विश्वास में लिया जाना चाहिए’’ क्योंकि पाकिस्तान ने अतीत में आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए एक बड़ी कीमत चुकाई है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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